Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 01 Oct, 2023 10:03 PM

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारी के सम्मेलन में पहुंचकर समर्थन का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है, जो उन्हें...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा दिल्ली के रामलीला मैदान में नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारी के सम्मेलन में पहुंचकर समर्थन का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है, जो उन्हें मिलना ही चाहिए। सरकार को तुरंत कर्मचारियों की मांग मानते हुए इसे लागू करना चाहिए।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल में कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया है। हरियाणा में भी कांग्रेस सरकार बनते ही पहली कैबिनेट मीटिंग में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का ऐलान किया जाएगा। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े कर्मचारी के सम्मेलन में हुड्डा को पगड़ी भेंट कर उनका अभिनन्दन किया गया।एनएमओपीएस के बैनर तले इस रैली का आह्वान किया गया था. इसमें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी, सिक्किम से लेकर गुजरात तक से आये लाखों शिक्षक व कर्मचारियों ने एक सुर में कहा कि पुरानी पेंशन बहाल करे भारत सरकार, अन्यथा लोकसभा चुनावों में चलेगा वोट फ़ॉर ओपीएस अभियान.
देशभर में कर्मचारी पुरानी पेंशन को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के बैनर तले देशभर से लाखों कर्मचारियों दिल्ली के राम लीला मैदान पहुंचे हैं. अलग-अलग कर्मचारियों के संगठन ने सरकार के खिलाफ अपनी मांग को लेकर आवाज उठाई. इसी को लेकर कर्मचारी संगठन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस रैली को पेंशन शंखनाद महारौली का नाम दिया गया है. इस रैली को देश के किसान और अन्य मजदूर संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है. इस प्रदर्शन के माध्यम से सभी एकजुट होकर पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
रामलीला मैदान में फिर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर देश भर के अलग-अलग राज्य जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे अलग-अलग राज्यों से शिक्षक डॉक्टर रेलवे अलग-अलग विभाग से कर्मचारी पहुंचे और सभी ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकार को चेतावनी दी है. प्रदर्शन करने पहुंचे कर्मचारियों का कहना है कि कई राज्यों में वोट की चोट पर पुरानी पेंशन बहाल हुई है, लेकिन अगर केंद्र सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आने वाले 2024 के चुनाव में इसका नुकसान केंद्र सरकार को उठाना पड़ेगा और हमें उम्मीद है कि हमारी मांग सरकार मानेगी.उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगह से आए कर्मचारियों ने बताया कि सरकार नई पेंशन लागू कर रही है, लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते हैं, जो एक बार का सांसद या विधायक या पार्षद है। उसे जिंदगी भर पेंशन क्यों दी जाती है? इतना ही नहीं उसे तीन बार पेंशन अलग-अलग दी जाती है. लेकिन सिर्फ कर्मचारियों को पेंशन देने से सरकार कतरा रही है. यह दोहरी नीति बिल्कुल नहीं चलेगी. आज देश भर से यहां पर लोग इकट्ठा हुए हैं. सरकार अगर हमारी बातें मानती है तो ठीक, नहीं तो इस बार की चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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