हुड्डा ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, किसानों के खिलाफ मुकदमे लें वापिस, नहीं तो करेंगे आंदोलन

Edited By Shivam, Updated: 12 Sep, 2020 12:12 AM

hooda gave ultimatum to government take back cases against farmers

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज कुरुक्षेत्र स्थित पीपली अनाज मंडी में पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों और आढ़तियों से मुलाकात की। सभी ने नेता प्रतिपक्ष को सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि...

कुरुक्षेत्र (धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज कुरुक्षेत्र स्थित पीपली अनाज मंडी में पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों और आढ़तियों से मुलाकात की। सभी ने नेता प्रतिपक्ष को सरकार द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सरकार एक के बाद एक किसान और आम जन विरोधी फैसले ले रहे हैं अगर वह इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उन्हें लाठियों के बल पर चुप करवाया जाता है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पीपली रैली में पहुंचे किसानों पर लाठियां बरसा कर गठबंधन सरकार ने घोर पाप किया है। जिस भी सरकार ने किसान पर लाठी या गोली बरसाई है, वह ज्यादा देर नहीं टिक पाई। उन्होंने कंडेला कांड का जिक्र करते हुए कहा कि इनेलो सरकार में हुई किसानों की हत्या के बाद लोगों ने उसको सत्ता से बाहर कर दिया था। उस वक्त भी हमने किसानों के साथ खड़े होकर लड़ाई लड़ी थी और आज भी लड़ेंगे। हम सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हैं। इस आंदोलन में शामिल जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं, वो वापस लिए जाएं, नहीं तो हमें बड़ा आंदोलन छेडऩा पड़ेगा। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार की लाठियों से नहीं डरती। इस पार्टी ने अंग्रेजों की गोलियां भी खाई हैं, ज़रूरत पड़ी तो इस सरकार की लाठी आप भी खाएंगे। सरकार किसानों के संघर्ष को सिर्फ कांग्रेस का आंदोलन बताकर अपने अपराध से बच नहीं सकती। आंदोलन कांग्रेस द्वारा प्रायोजित नहीं बल्कि किसानों द्वारा आयोजित है। 

हुड्डा ने कहा कि हम कानून को मानने वाले लोग हैं और महामारी के चलते बड़ा आंदोलन करने से परहेज कर रहे हैं। लेकिन जैसे ही महामारी का संकट हटेगा तो हम इस सरकार को बताएंगे कि आंदोलन क्या होता है। हम कुरुक्षेत्र की इसी पीपली अनाज मंडी में 10 लाख लोगों को इक_ा करने और इस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया जाएगा। 

हुड्डा ने कहा कि सरकार से दुखी किसान समेत हर वर्ग की आवाज उठाना विपक्ष का धर्म है। लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष का अपना-अपना दायित्व महत्व होता है। इसलिए एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते हमारा दायित्व बनता है कि हम हर मंच से किसानों की आवाज को उठाएं। इसलिए किसी भी सूरत में इन तीन अध्यादेशों को लागू नहीं होने दिया जाएगा। अगर सरकार इन्हें लागू करना चाहती है तो साथ में स्वामीनाथन के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी की गारंटी का अध्यादेश भी लेकर आए। अगर सरकार अपना बिल नहीं लाती है तो हम प्राइवेट मेंबर बिल लेकर आएंगे। सरकार उसको पास करके किसानों को एमएसपी की गारंटी सुनिश्चित करे। अगर सरकार यह भी करने को तैयार नहीं है तो पंजाब की तर्ज पर इन तीनों बिलों को पूरी तरह खारिज किया जाए। 

पूर्व मुख्यमंत्री पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद हालात के बारे में विस्तृत जानकारी लेने पहुंचे थे। आढ़तियों ने उन्हें बताया कि सरकार जीरी की खरीद देरी से शुरू कर रही है। इसे 25 की बजाए, 15 सितंबर से शुरू करना चाहिए। लस्टर लॉस के नाम पर आढ़ती के पैसे ना काटे जाएं और जो पैसे काटे गए हैं उन्हें वापिस किया जाए। नौकरी से बर्खास्त 1983 क्कञ्जढ्ढ का प्रतिनिधिमंडल भी इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने पहुंचा। हुड्डा ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक तौर पर पीटीआई को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार विधाई शक्तियों का इस्तेमाल करके इन्हें वापस नौकरी पर रख सकती है।

इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ इस मौके पर पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह च_ा, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश, विधायक मेवा सिंह, आफताब अहमद, बलवीर वाल्मीकि, सुभाष गांगोली, बिश्नलाल सैनी, पूर्व विधायक राकेश कंबोज, सुल्तान सिंह जंडौला, दिल्लुराम बाजीगर, भीमसेन मेहता, गगनदीप संधू, त्रिलोचन सिंह, प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह, मोहनलाल भांवरा, पूर्व मंडी प्रधान राजीव गोयल, प्रदीप पूंडरी समेत कई नेता मौजूद थे।

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