हाई कोर्ट  ने हरियाणा सरकार, कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर व उनके दो बेटों को जारी किया नोटिस

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 13 Sep, 2023 06:39 PM

high court issues notice to government dharam singh chhokar and his sons

पंजाब एंव हरियाणा  हाई कोर्ट  ने हरियाणा सरकार, समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर, उनके दो बेटों और छोकर परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी माहिरा बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड (जिसे पहले मेसर्स जार बिल्डवेल के नाम से जाना जाता था) को नोटिस जारी किया...

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : पंजाब एंव हरियाणा  हाई कोर्ट  ने हरियाणा सरकार, समालखा से कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर, उनके दो बेटों और छोकर परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी माहिरा बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड (जिसे पहले मेसर्स जार बिल्डवेल के नाम से जाना जाता था) को नोटिस जारी किया है।

हाई कोर्ट के  जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने अनिल कुमार और गांव धनवापुर, जिला  गुरुग्राम के अन्य निवासियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सभी प्रतिवादी पक्ष को 18 दिसंबर तक इस मामले पर  जवाब देने का आदेश दिया है।  याचिका के अनुसार, छोकर पर गुरूग्राम के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है, लेकिन स्थानीय पुलिस विधायक के साथ मिली हुई है और मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। याचिका में धोखाधड़ी के आरोप में छोकर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियां की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग  की गई है।

याचिकाकर्ताओं के अनुसार याचिकाकर्ताओं और अन्य  शिकायत पर राज्य में कई एफआईआर दर्ज होने के बावजूद धर्म सिंह छोकर और उनके बेटों के खिलाफ हरियाणा सरकार की निष्क्रियता से  वह व्यथित हैं क्यों की इस मामले में सरकार कुछ नहीं कर रही। याचिका में मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।  याचिकाकर्ता  किसान हैं और 10.443 एकड़, गांव धनवापुर, तहसील कादीपुर, गुरूग्राम में स्थित  भूमि के मालिक हैं। यह क्षेत्र गुरुग्राम के सेक्टर-104 के अंतर्गत आता है।

याचिका के अनुसार, छोकर और उनकी कंपनी ने याचिकाकर्ताओं से यह कहते हुए संपर्क किया था कि वे बिल्डर हैं और उन्होंने गुरूग्राम और एनसीआर क्षेत्र में कई रियल एस्टेट परियोजनाओं का निर्माण किया है और बाजार में उनका अच्छा नाम है। उन्होंने याचिकाकर्ताओं को भूमि  पर एक किफायती आवास परियोजना के विकास के लिए एक सहयोग समझौते  के लिए  आमंत्रित किया।

याचिकाकर्ता उनके प्रस्ताव से आकर्षित हो गए और कंपनी मेसर्स जार बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड (जिसे अब मिहिरा बिल्डवेल के नाम से जाना जाता है) के साथ 28 दिसंबर, 2020 को एक सहयोग समझौता किया। 28 दिसंबर, 2020 के समझौते के अनुसार, बिल्डरों और भूमि मालिकों का हिस्सा 65:35 के अनुपात में तय किया गया था।

समझौते के समय, याचिकाकर्ताओं को  11 करोड़ रुपये दिए गए और  जिसके बाद जमीन का कब्जा छोकर के स्वामित्व वाली कंपनी को सौंप दिया गया। किफायती आवास परियोजना में 1450 फ्लैट और वाणिज्यिक स्थान शामिल हैं। समझौते के अनुसार, भूमि मालिकों के पास परियोजना का 35 प्रतिशत स्वामित्व था और डेवलपर के पास परियोजना का 65 प्रतिशत  स्वामित्व था।

याचिकाकर्ता के अनुसार, डेवलपर कंपनी ने याचिकाकर्ताओं के 35 प्रतिशत  फ्लैट याचिकाकर्ता-भूमि मालिकों की किसी भी सूचना या सहमति के बिना बेच कर  आवंटियों से अग्रिम राशि भी प्राप्त की।  कोर्ट को यह भी बताया गया कि छोकर के स्वामित्व वाली डेवलपर कंपनी ने हरियाणा के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से जाली दस्तावेज/जाली हस्ताक्षर जमा करके किफायती समूह आवास स्थापित का  लाइसेंस प्राप्त किया था।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)   

(हरियाणा की खबरें अब व्हाट्सऐप पर भीबस यहां क्लिक करें और Punjab Kesari Haryana का ग्रुप ज्वाइन करें।)

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!