Edited By Deepak Paul, Updated: 29 Jan, 2019 10:28 AM

ग्रुप डी के चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी करके मौजूदा भाजपा सरकार जहां इसे लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देख रही है, वहीं सरकारी विभागों में इन उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग सिरदर्द बनी हुई है।
चंडीगढ़(बंसल): ग्रुप डी के चयनित उम्मीदवारों की सूची जारी करके मौजूदा भाजपा सरकार जहां इसे लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देख रही है, वहीं सरकारी विभागों में इन उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग सिरदर्द बनी हुई है।
करीब 25 प्रतिशत उम्मीदवार ज्वाइनिंग के इच्छुक ही नहीं हैं। हालांकि सरकार की तरफ से विभागों को सख्त निर्देश हैं कि इनकी जल्द ज्वाइनिंग करवा दी जाए। सरकार की तरफ से विभागों को आज तक का समय दिया गया था लेकिन शायद ही कोई विभाग ऐसा हो, जहां सभी उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग हो पाई हो। पुलिस विभाग में करीब 300 कुकों की भर्ती हुई लेकिन उनमें से अधिकांश को कुक का अनुभव ही नहीं है, जिसके चलते चयनित उम्मीदवार भी परेशान हैं और विभाग भी। कुछ विभागाध्यक्षों ने सरकार से आग्रह किया है कि पहले से ठेके पर लगे लोगों को नौकरी से न हटाया जाए और नए प्रत्याशियों का प्रशिक्षण करवाया जाए। पुलिस विभाग में कुछ बी.टैक. युवा भी कुक के लिए चयनित हुए हैं लेकिन अब वह नौकरी करने के लिए तैयार नहीं हैं।
ऐसे ही 35 वर्षीय एक महिला का चयन इलैक्ट्रीशियन के लिए हुआ लेकिन उसे इसका अनुभव नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि इस उम्र में वह इलैक्ट्रीशियन का काम कैसे सीख सकती है। कुछ विभागाध्यक्षों का कहना है कि आयोग ने मैरिट के आधार पर नियुक्तियां तो कर दीं लेकिन चयनित उम्मीदवारों को अनुभव के आधार पर पद अलॉट नहीं किए। कुछ उम्मीदवारों ने नौकरी ज्वाइन कर ली लेकिन अब उन्होंने नौकरी छोडऩे के लिए भी आवेदन कर दिया है। विभागों के लिए समस्या यह है कि नियमानुसार नौकरी छोडऩे पर या तो प्रत्याशी को एक महीने का वेतन विभाग को देना पड़ेगा या फिर नौकरी छोडऩे के लिए 3 महीने का नोटिस समय होता है।