Edited By Nitish Jamwal, Updated: 11 Aug, 2024 04:45 PM
पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक 6 मेडल जीते हैं, जिसमें 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने दिलाए हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों पर पूरे देश को गर्व है। वहीं हॉकी में भी हरियाणा के कई खिलाड़ियों में कांस्य पदक जीता है। चलिए पेरिस ओलंपिक में हरियाणा के उन खास...
हरियाणा डेस्क: कहते हैं कि कुछ कर गुजरने की चाह हो, तो इंसान हर मुश्किल को पार कर अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है और यहीं मेहनत भारत के जांबाज खिलाड़ियों में दिखाई दी। पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया। कुल 6 मेडल भारत ने अपने नाम किए हैं। इनमें कुल 4 मेडल हरियाणा के हौंनहारों ने जीते हैं।
पेरिस ओलंपिक में भारत ने अब तक 6 मेडल जीते हैं, जिसमें 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने दिलाए हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों पर पूरे देश को गर्व है। वहीं हॉकी में भी हरियाणा के कई खिलाड़ियों में कांस्य पदक जीता है। चलिए पेरिस ओलंपिक में हरियाणा के उन खास पलों को फिरसे देखते हैं।
शूटिंग में पहला मेडल
मनु भाकर हरियाणा के झज्जर जिले की रहने वाली हैं। हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने 25 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल नें जगह बनाई। उन्होंने क्वालिफिकेशन इवेंट में दूसरे स्थान पर रहते हुए फाइनल के लिए क्वालिफाई किया। मनु भाकर ने 590 पॉइंट्स हासिल किए हैं। उन्होंने प्रिसिजन में 294 और रैपिड में 296 अंक स्कोर किए। हंगरी की मेजर वरानिका 592 अंक के साथ टॉप पोजिशन पर रहीं। मनु भाकर अब 25 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में पहुंच गईं हैं। इस क्वालीफिकेशन राउंड में मनु भाकर दूसरे नंबर रहीं। उन्होंंने 10 स्कोरिंग वाले 24 निशाने लगाए। वहीं मनु के साथ इस शूटिंग में प्रतिस्पर्धा में भाग ले रहीं ईशा सिंह 18 वें स्थान पर रहीं। वह अंतिम 8 के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं।
पेरिस ओलंपिक में छाई हरियाणवी जोड़ी
एक हरियाणवी सब पर भारी पड़ जाता है, वहीं यहां एक साथ दो खिलाड़ी जब मैदान में उतरे तो जीत तो पक्की ही थी, हम बात कर रहे हैं मनु भाकर और सरबजोत सिंह की। जिन्होंने 25 मीटर पिस्टल के मिक्स्ड इवेंट में फाइनल फाइनल मैच खेला। जिसमें मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने इतिहास रचते हुए ब्रॉन्ज मेडल देश के नाम किया है। मनु और सरबजोत की भारतीय जोड़ी ने 10 मीटर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरिया को 16-10 से हराया। सरबजोत सिंह हरियाणा में अंबाला जिले के मुलाना के अंतर्गत आने वाले धीन गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता जतिंदर सिंह किसान हैं। मां हरदीप कौर गृहिणी हैं। सरबजोत चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित DAV कॉलेज के छात्र हैं। सरबजोत ने स्कूल में ही शूटिंग करना शुरू कर दिया था। वह सेंट्रल फीनिक्स क्लब में अंबाला कैंट स्थित एआर शूटिंग एकेडमी के कोच अभिषेक राणा के अंडर ट्रेनिंग लेते हैं।
गोल्डन बॉय ने फिर बढ़ाया देश का मान
हरियाणा के स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से पूरे देश को उम्मीद नहीं, बल्कि भरोसा था, कि नीरज एक बार फिर देश को मेडल दिलाएंगे। वहीं नीरज ने भी देश का ये मान बनाए रखा। छोरे ने हरियाणा के नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में टोक्यो के बाद पेरिस ओलिंपिक में भी भारत के लिए मेडल जीत लिया है। उन्होंने 89.45 मीटर दूर भाला फेंककर देश को सिल्वर मेडल दिलाया। गोल्ड मेडल पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीता। नदीम ने फाइनल के दौरान 92.97 मीटर दूर भाला फेंककर नया ओलिंपिक रिकॉर्ड भी बनाया।
कुश्ती में अमन ने खेला दांव
झज्जर के अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाया है। हरियाणा के पहलवान ने 57kg वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल के लिए मुकाबले में शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने प्यूर्टो रिको के डरलिन तुई क्रूज को हराकर भारत की झोली में छठा मेडल डाला है। इसके साथ झज्जर के छोरे ने अपने स्वर्गीय पिता का भी सपना ओलंपिक में मेडल जीत कर पूरा किया है। अमन सहरावत ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती में भारत के लिए पहला मेडल हासिल किया था।
हॉकी में भी छाए हरियाणा के खिलाड़ी
भारतीय हॉकी टीम कांस्य पदक जीतने में भी सफल रही है। हरियाणा के तीन खिलाड़ी सुमित, अभिषेक नैन और संजय इस टीम का हिस्सा थे। सुमित कुमार ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने मैच में करीब नौ बार प्रतिद्वंद्वी टीम को गोल करने से रोका और जब मौका मिला तो स्पेन की डी में घुसकर दो बार गोल करने का प्रयास किया। उन्होंने अपने अनुभव का सही इस्तेमाल करते हुए मिडफील्ड में भी अच्छा प्रदर्शन किया। मयूर विहार निवासी अभिषेक नैन ने मैच में तीन बार गोल करने का प्रयास किया। मैच की शुरुआत में ही अभिषेक नैन ने बेहतरीन अंदाज में तीन प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों के बीच से गेंद निकाली और डी में ले गए।
हरियाणा खेलों में शुरू से आगे रहा है, फिर चाहे वो खेल की बात हो या पढ़ाई की। हरियाणवी अपना दमखम दिखाने से पीछे नहीं हटते। पेरिस ओलंपिक में भी खिलाड़ियों ने ये साबित कर दिया है कि अगर कोशिश सच्ची मेहनत से की जाए, तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। हालांकि खिलाड़ियों ने अपना पूरा जोर गोल्ड जीतने के लिए लगाया, लेकिन इस बार देश को गोल्ड नहीं दिला सके। भारत को उम्मीद है, अबकी बार नहीं, तो अगली बार सही।
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