अब बीड़ी नहींं हरियाणवी युवाओं को लगी हुक्के की तलब, बढ़ता क्रेज बना शान का प्रतीक...लड़कियां भी नहीं पीछे

Edited By Saurabh Pal, Updated: 22 Nov, 2023 07:29 PM

haryanvi youth now crave for hookah instead of beedi

प्रदेश के युवाओं में हुक्के का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा में हुक्के को खास पहचान और शान माना जाता है। शहरों में अवैध तरीके से हुक्का बार खुल रहे हैं...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): हाथों में हुक्के का पाइप, सुलगता कोयला और गुड़गुड़ाते युवा अमूमन हरियाणा में दिख जाएंगे। कभी बुजुर्गों की शान रहा हुक्का अब टीनएजर्स में काफी प्रचलित है। प्रदेश के युवाओं में हुक्के का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। हरियाणा में हुक्के को खास पहचान और शान माना जाता है। शहरों में अवैध तरीके से हुक्का बार खुल रहे हैं। हुक्के को लेकर मिथक है कि इसके पीने से नुकसान नहीं होता, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि हुक्का सिगरेट से भी ज्यादा नुकसानदायक है।

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हुक्के में तंबाकू को गरम करने के लिए कोयला जलाने से कार्बन मोनो ऑक्साइड सांस के रास्ते शरीर में जाने से नुकसान और बढ़ जाता है। शोध में धुएं के जरिए शरीर में पहुंचने वाले 100 नैनोमीटर से भी छोटे सूक्ष्म कणों का अध्ययन किया गया। मिथक यह भी है कि पानी से फिल्टर होकर धुआं आने से नुकसान नहीं होता, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसा कोई अध्ययन नहीं है, यह केवल भ्रम है। आप कहीं भी चले जाइए, युवा खुलकर हुक्का गुडग़ुड़ाते हुए दिखाई दे जाएंगे। एक समय था जब १८ साल से २५ साल की आयु के युवा बीड़ी सिगरेट पीते दिखाई देते थे। हालांकि अब यह प्रचलन तो दूर हुआ है, लेकिन हुक्के के प्रति युवाओं का चलन काफी बढ़ गया है। हुक्का बार तक बन गए हैं जहां अकेले युवक ही नहीं बल्कि युवतियां भी हुक्के के कश लगाती दिखाई दे जाती हैं।

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बुजुर्गों की पंचायतों और खापों में यह काफी लोकप्रिय है हुक्का

बेशक हरियाणा की देशवाली बेल्ट और बागड़ी बेल्ट में हुक्के का प्रचलन बहुत प्राचीन है और बूढ़े बुजुर्गों की पंचायतों और खापों में यह काफी लोकप्रिय है। लेकिन युवाओं में इसका बढ़ता प्रचलन और बिना किसी शर्म के बुजुर्गों के साथ बैठकर हुक्का गुडग़ुड़ाने का प्रचलन बता रहा है कि समाज में कितना बदलाव आ रहा है। आजकल की चर्चाएं चाय पर नहीं बल्कि हुक्के पर हो रही हैं। हुक्के के कई डिजाइन भी बाजार में उतरे हुए हैं और इन पर विभिन्न प्रकार की पाइपें लगी हैं। देखने से ही यह युवाओं को काफी आकर्षित करते हैं। इसके अलावा हुक्के में प्रयोग होने वाले अनेक प्रकार के फ्लेवर भी पान सिगरेट की दुकानों पर मौजूद हैं, जिन्हें युवा वर्ग खरीदकर अपनी हुक्के की तलब शांत करते हैं।

ये है एशिया का सबसे बड़ा हुक्का

बता दें कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की जाट धर्मशाला में एशिया का सबसे बड़ा हुक्का रखा गया है। ये धर्मशाला कोई आम नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी धर्मशाला है। एशिया का सबसे बड़ा हुक्का होने के साथ-साथ इस हुक्के पर देवी-देवताओं व क्रांतिकारी महापुरुषों की तस्वीरें भी लगी हुई हैं, जोकि इस हुक्के को और भी खास बनाती है। इस हुक्के की खासियत यह है कि इसकी चिलम इतनी बड़ी है कि एक बार में आधा किलो से ज्यादा सामग्री का प्रयोग इसमें किया जाता है। यानि एक बार में ही आधा किलो तंबाकू इस्तेमाल में लाया जाता है।

मिथकों को तोड़ने में लगी सरकार

हुक्के के बढ़ते नुकसान को देखते हुए हरियाणा सरकार लोगों को इससे दूर करने लिए तैयारी कर रही है। बुजुर्गों के बाद युवाओं में बढ़ते हुक्के के चलन को देखते हुए सरकार एक विशेष रणनीति के तहत कार्ययोजना बना रही है। इसके तहत सूचना, शिक्षा और संचार को आधार बनाकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों के बीच जाएंगे और हुक्के को लेकर मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

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