Edited By Manisha rana, Updated: 14 Feb, 2025 01:36 PM
![haryana weather temperatures are rising crops may be harmed](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_13_35_134172580charkhidadri-ll.jpg)
दादरी जिले में बीते तीन-चार दिनों से दिन के समय के तापमान में काफी अधिक वृद्धि देखने को मिल रही है।
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : दादरी जिले में बीते तीन-चार दिनों से दिन के समय के तापमान में काफी अधिक वृद्धि देखने को मिल रही है। बढ़े हुए तापमान से फसलों को नुकसान होने की आशंका है जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। कृषि विशेषज्ञों ने नुकसान को कम करने के लिए फसल में लगातार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी है। वहीं आगामी दिनों में बारिश की भी संभावना जताई है जो किसानों के लिए राहत पहुंचा सकती है।
बता दें कि दिन के तापमान में लगातार वृद्धि और हो रही है और वर्तमान में तापमान करीब 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुच गया है जो फसलों के लिए काफी नुकसानदायक माना जा रहा है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की फसल फ्लावरिंग स्टेज पर है और तेज धूप व बढ़े तापमान से फूल को नुकसान होगा जिसके कारण या तो सरसों की फलियां ही नहीं बनेगी और यदि बनती भी हैं तो वे काफी छोटी रह जाएंगी जिससे फसल उत्पादन कम होगा। वहीं गेहूं भी मिल्की स्टेज पर है और बाली बननी शुरू हो रही है ऐसे में बढ़ते तापमान का प्रतिकूल प्रभाव गेहूं की फसल भी पड़ रहा है।
डॉ.चंद्रभान श्योराण ने बताया कि मौसम में परिवर्तन एक प्राकृतिक घटना चक्र है, इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता है। लेकिन किसान हल्की सिंचाई कर खेत में नमी बरकरार रख कुछ हद तक बढ़े तापमान से हेने वाले नुकसान को अवश्यक कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसान एक गहरी सिंचाई करने की बजाय दो हल्की सिंचाई करें, इससे खेत में नमी बनी रहेगी और दो से तीन डिग्री तापमान कम रहेगा जिससे फसलों को नुकसान कम होगा। चंद्रभान श्योराण ने बताया कि आगामी तीन-चार दिनों के दौरान पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होने की संभावना हैं। ऐसे में यदि बारिश होती है तो मौसम में परिवर्तन होगा और तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी जिससे फसलों में लाभ होगा।
दादरी जिला कृषि बाहुल्य क्षेत्र है और यहां रबी सीजन के दौरान मुख्यत: गेहूं व सरसों की खेती की जाती है। इस सीजन जिले के किसानों ने 1 लाख 55 हजार एकड़ में सरसों की खेती व 1 लाख 10 हजार एकड़ में गेहूं की खेती की है। इसके अलावा 10 हजार एकड़ में अन्य दूसरी फसलें लगाई हैं।
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