Edited By Manisha rana, Updated: 17 Apr, 2025 02:26 PM

असम में शहीद हुए हिसार के जवान सचिन रोहिलका उनके पैतृक गांव भिवानी रोहिल्ला में आज दोपहर अंतिम संस्कार किया गया।
हिसार (विनोद सैनी) : असम में शहीद हुए हिसार के जवान सचिन रोहिलका उनके पैतृक गांव भिवानी रोहिल्ला में आज दोपहर अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें गांव के श्मशान में सैन्य सम्मान के साथ विदाई दी गई। उनके छोटे भाई ने शहीद के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।

अगले महीने ही आना था घर
परिजनों के अनुसार वारदात से कुछ घंटों पर ही उनकी घर पर बात हुई थी। उन्होंने सभी परिजनों से हाल पूछा था और अगले महीने आने का वादा किया था। इसके बाद यह हादसा हुआ। सचिन के पिता की मौत हो चुकी है। उसके बाद सचिन और उनके भाई सागर को मां ने ही पालकर बड़ा किया। फिलहाल दोनों भाई अविवाहित ही थे, लेकिन इसी साल दिसंबर तक सचिन की शादी की प्लानिंग चल रही थी। उनके लिए परिजन लड़की की तलाश कर रहे थे। सचिन को नौकरी पर गए करीब 5 साल बीत गए थे और सेवा के दौरान ही करीब 6 महीने पहले उन्होंने कमांडो का कोर्स पूरा किया था। कोर्स पूरा करने के बाद ही वह अंतिम बार नवंबर में घर आए थे। अब उन्हें अगले महीने ही घर आना था।

सहायक कमांडेंट (जीडी) गंभीर सिंह चौहान के नेतृत्व में 59 बीएन आईटीबीपी द्वारा समर्पित कर्मियों की एक टीम के साथ गहन खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया। टीम में इंस्पेक्टर (जीडी) चंदर मणि, हवलदार एच मनलुन, पुरा यामिंग, ज्ञाति तसंग, कॉन्स्टेबल माचांग सांगचो, ताबा निगलर, एसटी रेम्बो, निंग्वा लिम्बु और बोगिन नितिक शामिल थे। आईटीबीपी की टीम ने रोहिल के शव को सफलतापूर्वक बरामद कर अधिकारियों को सौंप दिया। ITBP अपने असाधारण आपदा बचाव अभियानों के लिए जानी जाती है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पूर्वोत्तर भारत में 8 क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किए हैं। सचिन रोहिल तेजपुर में 11 एयर विंग में तैनात थे।

बताया जा रहा है कि सचिन किसी सिविलियन को बचाने के लिए नदी में कूदे थे। उसके बाद से ही उनका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों ने नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया। उसके बाद मंगलवार सुबह सचिन रोहिल का शव बरामद किया।

पिता का 8 साल पहले हो गया था देहांत
बता दें कि भिवानी रोहिल्ला निवासी सचिन वर्ष 2019 में वायु सेना में चयन हुआ था। शहीद का परिवार जींद में रहता है। शहीद जवान के पिता का देहांत करीब आठ वर्ष पहले हो गया था।
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