हरियाणा मानव अधिकार आयोग का मानवता की ओर सशक्त कदम, शिकायत निपटारे में रचा नया कीर्तिमान

Edited By Manisha rana, Updated: 29 Dec, 2025 11:18 AM

haryana human rights commission takes a strong step towards humanity

मानवाधिकार हमें अन्याय, उत्पीड़न, असमानता एवं मानव के शोषण के विरुद्ध खड़े होने तथा प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करने के हमारे कर्तव्य स्मृति कराता है।

चंडीगढ़ (धरणी) : मानवाधिकार हमें अन्याय, उत्पीड़न, असमानता एवं मानव के शोषण के विरुद्ध खड़े होने तथा प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करने के हमारे कर्तव्य स्मृति कराता है। इसी भावना के अनुरूप हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करते हुए मानवता की ओर अपने पंख फैलाए हैं।

हरियाणा मानव अधिकार आयोग का पुनर्गठन 27 नवम्बर 2024 को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अंतर्गत किया गया। पुनर्गठन के उपरांत माननीय श्री न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने अध्यक्ष के रूप में, माननीय सदस्य (न्यायिक) श्री कुलदीप जैन तथा माननीय सदस्य श्री दीप भाटिया ने पूर्ण निष्ठा, प्रतिबद्धता एवं संवेदनशीलता के साथ आयोग का कार्यभार संभाला। आयोग के नेतृत्व में मानव अधिकार उल्लंघन से संबंधित शिकायतों के निपटारे में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।

रजिस्ट्रार (न्याययिक) श्री संजय कुमार खंडूजा के अनुसार पुनर्गठन के समय हरियाणा मानव अधिकार आयोग को 2991 लंबित शिकायतें की विरासत प्राप्त हुई थी। 27 नवम्बर 2024 से 23 दिसंबर 2025 तक 3632 नई शिकायतें आयोग के पास दर्ज की गईं, जिससे कुल 6623 शिकायतों पर सुनवाई कर न्याय दिया जाना था। आयोग द्वारा किए गए संगठित, समन्वित एवं निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप इस अवधि में 5610 शिकायतों पर निर्णय दिया गया, जिसमें औसतन 468 शिकायतें प्रति माह शामिल हैं। समाचार लिखे जाने तक आयोग के पास अब केवल 1013 शिकायतें ही विचाराधीन है। यह उपलब्धि आयोग एवं उसके समर्पित स्टाफ की कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के मामलों में हरियाणा मानव अधिकार आयोग केवल प्राप्त शिकायतों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि न्यायमूर्ति ललित बत्रा के कुशल नेतृत्व तथा श्री कुलदीप जैन व श्री दीप भाटिया के मार्गदर्शन में सक्रिय एवं संवेदनशील भूमिका निभाते हुए 27 नवम्बर 2024 से 23 दिसम्बर 2025 की अवधि में 20 मामलों में स्वतः संज्ञान भी लिया है। हरियाणा के विभिन्न जिलों से निम्नलिखित वे प्रमुख मामले हैं जिनमें आयोग ने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों से संबंधित विषय पर स्वतः संज्ञान लिया| इनमें कुछ  प्राप्त हुई शिकायतें भी सम्मिलित हैं:

• सफीदों से पानीपत तक की जर्जर सड़कों के कारण हो रहे बार-बार हादसों एवं जन-सुरक्षा के जोखिम पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। आयोग ने पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर), हरियाणा से रिपोर्ट तलब की।
• हिसार मुख्य डाकघर स्थित आधार पंजीकरण केंद्र में महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के लिए शिशु-अनुकूल सुविधाओं के अभाव पर संज्ञान लिया गया। आयोग ने सीआरआईडी, हरियाणा को उपलब्ध सुविधाओं एवं शिशु देखभाल तथा पृथक काउंटर उपलब्ध कराने के उपायों पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
• शाहाबाद में 14 वर्षीय बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म के गंभीर मामले में, आयोग ने उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक, कुरुक्षेत्र से रिपोर्ट मांगी।
• अंबाला की शिवालिक कॉलोनी के सार्वजनिक पार्कों की 13 वर्षों से उपेक्षा पर आयोग ने तत्काल रखरखाव, स्वच्छता एवं मनोरंजन सुविधाओं की सिफारिश की।
• सोनीपत स्थित जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में रैगिंग की घटनाओं पर गंभीर संज्ञान लेते हुए कड़े एंटी-रैगिंग उपाय लागू करने के निर्देश दिए।
• हरियाणा में ग्रीन श्मशान अपनाने का प्रस्ताव प्रारंभ किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण में कमी एवं संसाधनों की बचत हो सके।
• रोहतक स्थित SIRTAR में विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों की उपेक्षा पर तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
• चिंटल्स पैराडाइसो हादसे के बाद गुरुग्राम नगर निगम की निष्क्रियता पर आयोग ने कड़ी टिप्पणी की।
• हरियाणा में अपहरण एवं लापता व्यक्तियों की बढ़ती घटनाओं पर डीजीपी, हरियाणा से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई।
• हरियाणा की जेलों में स्वचालित पैरोल प्रणाली लागू करने का आग्रह किया गया।
• गुरुग्राम में परित्यक्त वृद्ध दंपति के मामले में त्वरित चिकित्सकीय एवं मानसिक देखभाल के निर्देश दिए गए।
• विद्यालयों के ऊपर से गुजर रही हाई-टेंशन लाइनों को हटाने के आदेश दिए गए।
• हिरासत में दिव्यांग व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार पर पुलिस कर्मियों पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया।
• नूंह अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात की भुजा कटने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया गया।
• करनाल में ट्रांसजेंडर शिक्षक के साथ भेदभाव के मामले में संज्ञान लिया गया।
• 15 वर्षीय बंधुआ मजदूर की दुर्घटना के मामले में मुआवजा एवं पुनर्वास के निर्देश दिए गए।
• जिंद के सौरभ गर्ग को मरणोपरांत सम्मान देने हेतु निर्देश दिए गए।
• अंबाला जेल से विचाराधीन कैदी के फरार होने पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के निर्देश दिए गए।
• पुलिस हिरासत में कथित यातना के मामलों में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई।
• ऊँची इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपकरणों की खरीद में देरी पर गंभीर चिंता जताई गई।
• पानीपत में नाबालिग की करंट लगने से मृत्यु के मामले में रिपोर्ट तलब की गई।
• हांसी में सेप्टिक टैंक में उतारे गए दो सफाई कर्मचारियों की मृत्यु पर आयोग ने गंभीर संज्ञान लिया।
• पंचकूला में अवैध खनन के मामलों में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

उपरोक्त सभी मामलों में आयोग ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट तलब कर समयबद्ध सुधारात्मक एवं निवारक कदम उठाने के निर्देश दिए। न्याय को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोग ने गुरुग्राम स्थित न्यू पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में माह में दो बार कैम्प कोर्ट आयोजित करने की पहल की। 27.11.2024 से 23.12.2025 तक कैम्प कोर्ट में 459 शिकायतों की सुनवाई की गई, जिनमें से 168 शिकायतों का निपटारा किया गया। यह पहल पीड़ितों को त्वरित न्याय प्रदान करने में मील का पत्थर सिद्ध हुई।

रजिस्ट्रार (विधि एवं विधिक) श्री रवि कुमार सोंधी के अनुसार, हरियाणा मानव अधिकार आयोग अपनी भूमिका को केवल कोर्ट रूम तक सीमित न रखकर समाज के हर कोने तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में मानव अधिकारों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने हेतु माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यों द्वारा विभिन्न जिला कारागारों का निरीक्षण कर बंदियों की जीवन स्थितियों की गहन समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्त आयोग ने वृद्धाश्रमों, महिला आश्रय गृहों एवं अनाथालयों का भी दौरा किया।

विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर 3 दिसम्बर 2025 को करनाल स्थित कल्पना चावला राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में एक राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, रेड क्रॉस, दिव्यांग बच्चों तथा समाज के प्रबुद्ध नागरिकों ने सक्रिय सहभागिता की। वहीं, मानव अधिकारों के प्रति साक्षरता एवं जागरूकता को समाज के व्यापक वर्गों तक पहुँचाने के उद्देश्य से 17 नवम्बर 2025 से 5 दिसम्बर 2025 तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव–2025 के दौरान कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्म सरोवर के तट पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग द्वारा एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से आयोग की भूमिका एवं शिकायत निवारण तंत्र की विस्तृत जानकारी आमजन तक पहुँचाई गई।

हरियाणा मानव अधिकार आयोग के सहायक रजिस्ट्रार डॉ. पुनीत अरोड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि आयोग के अध्यक्ष माननीय श्री न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने स्पष्ट किया है कि समाज के कमजोर, वंचित एवं हाशिये पर खड़े वर्गों के मानव अधिकारों की रक्षा करना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसके लिए आयोग पूर्ण संवेदनशीलता, दृढ़ संकल्प एवं प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रहा है। इस अवसर पर माननीय सदस्य श्री कुलदीप जैन एवं श्री दीप भाटिया ने भी मानव अधिकारों के प्रभावी संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आयोग की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने आगे बताया कि वर्ष 2026 में हरियाणा मानव अधिकार आयोग नई ऊर्जा, सशक्त दृष्टिकोण एवं नव संकल्प के साथ कार्य करते हुए यह सुनिश्चित करेगा कि मानव अधिकार उल्लंघन से संबंधित प्रत्येक शिकायत का निष्पक्ष, त्वरित एवं प्रभावी निपटारा किया जाए तथा मानव गरिमा, न्याय और समानता की रक्षा हर स्तर पर सुनिश्चित की जा सके।

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