Edited By Deepak Kumar, Updated: 15 Jul, 2025 07:24 PM

हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते 42 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट की कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई की जानकारी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने दी है।
डेस्कः हरियाणा के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHE) में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते 42 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट की कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई की जानकारी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने दी है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि आरोपितों में अधीक्षण अभियंता (SE), कार्यकारी अभियंता (XEN), उपमंडल अभियंता (SDO) और जूनियर इंजीनियर (JE) जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। इन पर ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार कर ऑफलाइन माध्यम से ठेके जारी करने और नियमों की अनदेखी कर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप हैं।
गंगवा का सख्त रुख: "भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा"
मंत्री गंगवा ने दो टूक कहा, "हमारे विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। यदि आगे भी इस प्रकार की शिकायतें सामने आती हैं, तो दोषी अधिकारियों पर और सख्त कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जबकि भ्रष्टाचार में संलिप्त ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
कैसे की गई गड़बड़ी?
सरकार को रोहतक जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHE) से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि वहां सिविल कार्यों में नियमों की अनदेखी की जा रही है। आरोप था कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही और कई काम ऑनलाइन प्रक्रिया के बजाय ऑफलाइन माध्यम से सौंपे जा रहे हैं।
जांच में सामने आया कि:
- बिना किसी आपात स्थिति के कई ठेके ऑफलाइन प्रक्रिया द्वारा पास किए गए।
- विकास कार्यों के वर्क ऑर्डर बिना ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के जारी किए गए।
- विभागीय वित्तीय नियमों (DFR) की अवहेलना करते हुए "कथित इमरजेंसी कार्य" घोषित कर ऑफलाइन कोटेशन पर कार्य कराए गए।
- यह अनियमितताएं उस अवधि में हुईं, जब संबंधित अधीक्षण अभियंता (SE) और कार्यकारी अभियंता (XEN) कार्यरत थे।
आगे क्या?
कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने साफ संकेत दिए हैं कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। साथ में उन्होंने कहा कि विभागीय जांच के बाद दोष सिद्ध होने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा।
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