पंच तत्व में विलीन हुए ओमप्रकाश, 5 दिन बाद करनी थी घर वापसी लेकिन ड्यूटी पर ही हो गए शहीद

Edited By Isha, Updated: 26 Jun, 2020 02:06 PM

वीरों की माटी में जन्मे हरियाणा के लाल ओमप्रकाश देश की रक्षा करते हुए सीमा पर शहीद हो गए थे जिनका आज राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह-संस्कार किया इनके गांव में किया गया...

टोहाना(सुशील): वीरों की माटी में जन्मे हरियाणा के लाल ओमप्रकाश देश की रक्षा करते हुए सीमा पर शहीद हो गए थे जिनका आज राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह-संस्कार किया इनके गांव में किया गया ।
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टोहाना के गांव समैन के निवासी ओमप्रकाश जो कि सेना में अपनी सेवाए दे रहे थे गत दिवस डयुटी के दौरान उन्होनें अन्तिम सांस ली। शहीद ओमप्रकाश के परिवार को इसकी सूचना सेना के अफसरों के द्वारा दी गई। 



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आज उनका पार्थिव शव गांव में पहुचा तो उपमण्डल टोहाना व आस-पास से भारी संखया में जनसैलाब वहां पर उमडा।  इस मौके पर राजकिय सममान से उनका अन्तिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार वर्ष 1989 में ओमप्रकाश सेना में भर्ती हो गए थे वा एक गरीब परिवार से थे व बेहद मेहनती बताए गए हैय़ जीवन की विकट परिस्थितियों से उन्होनें कभी भी हार नहीं मानी।


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तकरीबन 52 वर्षीय शहीद ओमप्रकाश आर्मी में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। ओमप्रकाश की ड्यूटी पाकिस्तान के सांभा बॉर्डर पर थी, गुरुवार को परिवार के पास ओमप्रकाश के शहीद होने की सूचना आई जिसके बाद परिवार व गांव में शौक की लहर दौड़ गई। उनके बेटे संजु ने बताया कि उनके पिता की शहादत पर उन्हे गर्व है। उन्होनें बताया कि कोविड के चलते वो घर नहीं आ रहे थे अभी एक जुलाई यानी 5 दिन बाज उन्हें घर पर आना था इससे पहले यह घटना हो गई।


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उन्होनें बताया कि उन्हें व उनके परिवार को उनकी शहादत पर गर्व है कि। इस मौके पर टोहाना के विधायक दवेन्द्र सिंह बबली व भाजपा प्रदेशअध्यक्ष सुभाष बराला भी पहुंचे।उन्होने शहीद परिवार को ढाढस बंधाया।  शहीद के दो बेटे हैं, जिसमें एक की आयु 25 वर्ष व दूसरे की 21वर्ष  है।

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