Edited By Deepak Kumar, Updated: 21 Feb, 2025 05:47 PM
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उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कालेजों से 160 लेक्चरर को नौकरी से हटाए जाने के विरोध में आज लेक्चरर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर के कालेजों व विश्वविद्यालयों में तकरीबन दो हजार एक्सटेंशन लेक्चरर कार्यरत हैं।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के कालेजों से 160 लेक्चरर को नौकरी से हटाए जाने के विरोध में आज लेक्चरर एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेशभर के कालेजों व विश्वविद्यालयों में तकरीबन दो हजार एक्सटेंशन लेक्चरर कार्यरत हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग ने बीती 18 फरवरी को एक आदेश जारी करके 160 लेक्चरर को अयोग्य करार देते हुए नौकरी से हटा दिया है। हरियाणा कांट्रैक्चुअल कॉलेज टीचर एसोसिएशन (एचसीसीटीए) ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए मोर्चा खोल दिया है।
शुक्रवार को एचसीसीटीए के प्रधान रामपाल ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में बताया कि यूजीसी ने 16 जनवरी को राजस्थान के तीन निजी विश्वविद्यालयों ओपीजेएस, सनराइज और सिंघानिया विश्वविद्यालय को अगले पांच वर्षों (2025-2030) तक पीएचडी की डिग्री प्रदान करने से प्रतिबंधित कर दिया है। इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पहले से प्राप्त पीएचडी डिग्रियां अमान्य हैं या अवैध मानी जाएंगी। इसी आधार पर हरियाणा सरकार ने 160 एक्सटेंशन लेक्चरर्स को 18 फरवरी को स्पीकिंग ऑर्डर जारी कर नौकरी से निकाल दिया।
एसोसिएशन ने बताया कि इन विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने वाले सैकड़ों लोग रेगुलर असिस्टेंट प्रोफेसर, एडिड कॉलेजों, प्राइवेट विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी पदों पर कार्यरत हैं। ऐसे में केवल एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर कार्रवाई सवालों के घेरे में है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और उच्च शिक्षा निदेशक राहुल हुड्डा से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में हर पहलू को आधार बनाकर राय की जा रही है। बहुत जल्द संघर्ष का ऐलान किया जाएगा। इस अवसर पर चरण सिंह ग्रोवर, संदीप कुमार, डॉ. सोनू रानी, डॉ. नेहा, डॉ. राकेश, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. दीपक व अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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