Edited By Deepak Kumar, Updated: 17 Jan, 2025 02:02 PM
हरियाणा सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में जारी एक गोपनीय एवं अति-तत्काल पत्र में राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे विभाग में भ्रष्टाचार करने...
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा सरकार के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में जारी एक गोपनीय एवं अति-तत्काल पत्र में राज्य के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि वे विभाग में भ्रष्टाचार करने वाले पटवारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। रिपोर्ट के साथ बकायदा भ्रष्ट पटवारियों की जिलेवार सूची बनाकर भेजी गई।
जांच के दायरे में 370 पटवारी
सरकार के संज्ञान में आया है कि विभाग में पटवारियों में 370 भ्रष्टाचार फैला रहे हैं। इनमें से 170 ने तो प्राइवेट व्यक्तियों को अपने सहायक के तौर पर रखा हुआ है। इनका इस्तेमाल भी भ्रष्टाचार में सहायता के लिए किया जा रहा है। रिपोर्ट में जिक्र है कि पटवारी जमीन के खाते, पैमाइश, इंतकाल, और रिकार्ड दुरुस्त करने जैसे कामों में जानबूझकर अड़चनें डालते हैं। बार-बार ऐतराज लगाकर लोगों को मजबूरन “शुल्क” देने के लिए बाध्य किया जाता है। पटवारियों के इस आचरण से सरकार की छवि खराब हो रही है।
सहायकों के जरिए भी हो रहा भ्रष्टाचार
रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग में तैनात 370 पटवारियों में से 170 ने प्राइवेट व्यक्तियों को अपने सहायक के तौर पर रखा हुआ है। ये प्राइवेट सहायक न केवल पटवारियों के लिए काम करते हैं, बल्कि कई बार उनके इलाकों (एजेंट) के रूप में भी कार्यरत रहते हैं। जमीन के खातों की तकसीम, पैमाइश, इंतकाल, रिकॉर्ड दुरुस्त करने, और नक्शे बनवाने जैसे कार्यों में जानबूझकर अड़चनें डाली जाती हैं।
15 दिन में मांगी रिपोर्ट
सरकार ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे भ्रष्ट पटवारियों और उनके सहायक के रूप में कार्य कर रहे प्राइवेट व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई करें। ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की सूची बनाकर भेजी गई है। अधिकारियों से 15 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट मांगी गई है। इस कदम को भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक सख्त संदेश माना जा रहा है।
किस जिले में कितने भ्रष्ट पटवारी
सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट में सबसे ज्यादा भ्रष्ट पटवारी कैथल जिले में है। कैथल में भ्रष्ट पटवारियों की संख्या 46 है। वहीं लिस्ट में देखे तो प्रदेश में सबसे कम भ्रष्ट पटवारी पंचकूला जिले में बताए गए हैं। यानि कि विभाग के अनुसार पंचकूला में एक भी भ्रष्ट पटवारी नहीं है। भ्रष्ट पटवारियों की रिपोर्ट में अंबाला में 5, भिवानी में 10, चरखी दादरी में 6, फरीदाबाद में 19, फतेहाबाद में 25, गुरुग्राम में 27, हिसार और हांसी में 13, झज्जर में 20, जींद में 12, कैथल में 46, करनाल में 7, कुरुक्षेत्र में 23, महेंद्रगढ़ में 36, नूंह में 6, पलवल में 17, पानीपत में 9, रेवाड़ी में 16, रोहतक में 5, सिरसा में 13, सोनीपत में 41 और यमुनानगर में 14 पटवारियों के नाम शामिल हैं।
भ्रष्टाचार पर सरकार का सख्त रुख
भ्रष्टाचार से निपटने के लिए हरियाणा सरकार सख्त कदम उठा रही है। हरियाणा में भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश सरकार आवश्यक कार्रवाई कर रही है। पहले भी इस सिलसिले में विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ समीक्षा बैठक की जा चुकी है। लगातार संदेश दिया गया था कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहे हैं।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)