Edited By vinod kumar, Updated: 27 May, 2021 08:45 PM

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने सोनीपत में बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से इतर किसान-मजदूर फेडरेशन...
चंडीगढ़ (धरणी): तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने सोनीपत में बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से इतर किसान-मजदूर फेडरेशन बनाया है। इस फेडरेशन में पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि के 38 संगठनों के शामिल होने का दावा किया गया है।
वीरवार को गुरनाम चढूनी सोनीपत के राई में हुई बैठक में शामिल हुए। जहां उन्होंने लंबे समय से चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा से हटकर किसान-मजदूर फेडरेशन बनाने का फैसला लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान-मजदूर फेडरेशन के जरिए देशभर के सभी किसानों व संगठनों को आंदोलन से जोड़ने की कवायद की जा रही है। इसके संचालन के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाएंगे। चढूनी ने यह भी दावा किया है कि किसान-मजदूर फेडरेशन असल में संयुक्त किसान मोर्चे का सहयोगी होगा। किसान-मजदूर फेडरेशन का काम स्थायी होगा।
इस आंदोलन के अलावा भी किसी राज्य में कोई संगठन आंदोलन करता है तो उसका भी सहयोग किया जाएगा। उधर, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के सही तरीके से नहीं चलने की बात उठाई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर वहां भी आंदोलन तेज करने की अपील जाएगी।
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