Edited By Isha, Updated: 23 Aug, 2025 03:48 PM

नोएडा और दिल्ली के नजदीक बसे हरियाणा के इन 18 गांवों की किस्मत पलटने वाली है. यहां की जमीन सोना उगलेगी. हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HSIIDC) इन गांवों की जमीन पर
फरीदाबाद: नोएडा और दिल्ली के नजदीक बसे हरियाणा के इन 18 गांवों की किस्मत पलटने वाली है. यहां की जमीन सोना उगलेगी. हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HSIIDC) इन गांवों की जमीन पर एक खूबसूरत शहर बसाने जा रहा है, जहां न सिर्फ आलीशान सेक्टर्स होंगे, बल्कि एयरपोर्ट से लेकर एक्सप्रेसवे तक इसकी मुठ्ठी में होंगे।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) मास्टर प्लान 2031 के तहत फरीदाबाद और पलवल के बीच में बसे इन 18 गांवों की 4500 एकड़ जमीन पर 12 नए सैक्टर और एक टाउनशिप बसाने जा रहा है। ये सभी न्यू फरीदाबाद का हिस्सा होंगे।सबसे खास बात है कि ऐसा पहली बार होगा जब एचएसपीवी यहां न केवल रेजिडेंशियल सेक्टर्स बल्कि एक इंडस्ट्रियल टाउनशिप भी बनाने जा रहा है।18 में से 9 गांवों की करीब 9000 एकड़ जमीन पर यह इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनेगी।
न्यू फरीदाबाद के रूप में बसने जा रहे इस शहर में फरीदाबाद के सोतई, सुनपेड़, साहुपुरा, मलेरना और जाजरू की जमीन, खेड़ी कलां, नचौली, ताजापुर, ढहकोला, शाहबाद, बदरपुर सैद, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदापुर, सदपुरा व तिगांव शामिल हैं. इन 18 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. इसके लिए किसानों से आवेदन भी मांगे गए हैं और उन्हें सरकार की ओर से बेहतरीन मुआवजा दिए जाने का वादा भी किया गया है.
गांवों की जमीन का मुआवजा तो काफी होगा ही, शहर में तब्दील होने के बाद इसकी एक-एक इंच जगह काफी कीमती हो जाएगी.एचएसवीपी के अनुसार इस जमीन पर जो 12 सेक्टर बनने जा रहे हैं उनमें सेक्टर 94 A, 96, 96 A, 97 A, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141 और 142 शामिल हैं. इनमें सेक्टर 100 को कमर्शियल सेक्टर बनाया जाएगा वहीं सेक्टर 96 A और 97 A में पब्लिक यूटिलिटी स्पेस बनाए जाएंगे यानि यहां स्कूल, अस्पताल, सरकारी दफ्तर जैसी बुनियादी सुविधाएं होंगी।
सरकार का कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया को मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया है.जमीन जबरन नहीं ली जाएगी.किसानों की सहमति के बिना कोई जमीन नहीं खरीदी जाएगी. जो किसान अपनी जमीन देना चाहते हैं, उन्हें 31 अगस्त तक ई-भूमि पोर्टल(ebhoomi.jamabandi.nic.in) पर आवेदन करना होगा। सरकार ने पारदर्शिता बरतते हुए सेक्टरों और इंडस्ट्रियल टाउनशिप में आने वाले खसरा नंबरों की सूची HSVP और HSIIDC की वेबसाइट पर डाल दी है, जिससे किसान स्वयं देख सकें कि उनकी जमीन योजना में शामिल है या नहीं।
आवेदन के बाद, विभागीय अधिकारी जमीन की कीमत तय करेंगे और किसान की सहमति मिलने पर रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होगी. खास बात ये है कि भुगतान रजिस्ट्री के समय ही पूरा कर दिया जाएगा, ताकि किसान को तुरंत उसका हक मिल जाए।