हाईकोर्ट से राम रहीम को राहत, अब पैरोल व फरलो हरियाणा सरकार लेगी फैसला

Edited By Saurabh Pal, Updated: 09 Aug, 2024 07:39 PM

gurmeet ram rahim gets big relief from high court haryana news

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को बड़ी राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है, जिसमें डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो पर रिहा...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को बड़ी राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है, जिसमें डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो पर रिहा न करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है। दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा सरकार पहले ही हाई कोर्ट को बता चुकी है कि डेरा प्रमुख वैधानिक परविधान के अनुसार पैरोल और फरलो के हकदार हैं।

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने एसजीपीसी की डेरा प्रमुख को बार बार फरलो व पैरोल देने के खिलाफ याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि एसजीपीसी ने यह याचिका पिछले साल जनवरी में जब डेरा प्रमुख को पचास दिन की पैरोल दी थी उसके खिलाफ दायर की थी वह पैरोल खत्म हो चुकी है। हाई कोर्ट ने कहा सरकार नियमों के अनुसार ही डेरा प्रमुख की फरलो व पैरोल पर निर्णय ले। इसी मामले में डेरा प्रमुख ने हाई कोर्ट से 21 दिन की फरलो देने के निर्देश देने की मांग की थी , ताकि वह इस अवधि के दौरान जेल से बाहर रहकर "कल्याणकारी गतिविधियां" कर सकें।डेरा प्रमुख ने कहा है कि फरलो के लिए अधिकारियों को आवेदन दिया जा चुका है, लेकिन हाई कोर्ट के 29 फरवरी के स्थगन आदेश के कारण इस याचिका पर विचार नहीं किया गया है।

फरलो पर रिहाई की मांग करते हुए उनकी अर्जी में कहा गया है आवेदक की अध्यक्षता में डेरा द्वारा कई कल्याणकारी गतिविधियां की जाती हैं, जैसे बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण, नशा मुक्ति और गरीब लड़कियों की शादी आदि, जिसके लिए आवेदक द्वारा प्रेरणा अभियान चलाने की आवश्यकता है। यह तर्क दिया गया है कि राज्य ने पहले ही 89 ऐसे दोषियों को पैरोल और फरलो प्रदान किया है, जिन्हें आजीवन कारावास और निश्चित अवधि की सजा वाले तीन या अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है। हाईकोर्ट ने सात अप्रैल, 2022 के अपने आदेश में फैसला किया था कि डेरा प्रमुख कट्टर अपराधी की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आते हैं। हाई कोर्ट को यह भी बताया गया है कि हरियाणा गुड कंडक्ट कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम 2022 के तहत पात्र दोषियों को हर साल 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार दिया गया है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि उसने अतीत में पैरोल या फरलो की छूट का दुरुपयोग नहीं किया है और हमेशा समय रहते आत्मसमर्पण किया है। यहां तक कि उसे किसी भी स्तर पर विशेष सुविधा भी दी गई है।डेरा प्रमुख के अनुसार, 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो पहले से ही उपयुक्त अधिकारियों द्वारा विचाराधीन है। 29 फरवरी को हाई कोर्ट ने राज्य को निर्देश दिया था कि भविष्य में अदालत की अनुमति के बिना डेरा प्रमुख के पैरोल के आवेदन पर विचार न किया जाए।

यह मामला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका के मद्देनजर हाई कोर्ट में पहुंचा था। याचिका में डेरा प्रमुख को दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी होने के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार पैरोल या फरलो पर रिहा करने पर आपत्ति जताई गई थी।

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