Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 17 Nov, 2024 11:23 PM
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही एनजीटी ने ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-4 को लागू कर दिया है। इसके तहत दिल्ली एनसीआर में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही एनजीटी ने ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-4 को लागू कर दिया है। इसके तहत दिल्ली एनसीआर में कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं। पाबंदियों के कारण दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण लाॅकडाउन लग गया है। ऐसे में न केवल शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है बल्कि डीजल वाहनों के एनसीआर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा ऑफिसों में भी 50 प्रतिशत स्टाफ बुलाने के एनजीटी ने आदेश दिए हैं। वहीं, स्थिति बिगड़ने पर वाहनों के लिए ऑड-ईवन का फाॅर्मूला भी लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें।
एनजीटी के आदेशों के मुताबिक, दिल्ली एनसीआर में बीएस फॉर गाड़ियों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। कमर्शियल वाहनों में केवल सीएनजी तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को ही चलने की अनुमति होगी, लेकिन शर्त यह होगी कि वह आवश्यक सामग्री जैसे खाद्य पदार्थ अथवा दवाएं लेकर ही जा रही हो। इसके अलावा किसी अन्य कमर्शियल वाहनों को दिल्ली एनसीआर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं, एनजीटी ने स्टेट गवर्नमेंट को आदेश दिए हैं कि वह शिक्षण संस्थानों के बंद किए जाने के निर्णय ले सकते हैं। इसमें स्कूल, कॉलेजों को बंद कर ऑनलाइन क्लास लगाए जाने के आदेश दिए जा सकते हैं। हालांकि यह निर्णय लेने की पावर स्टेट गवर्नमेंट ने जिलाधीश को दे दी है। वहीं, प्रदूषण को कम करने के लिए एवं लोगों को इस प्रदूषण से बचाने के लिए सरकारी व प्राइवेट कार्यालयों को 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ चलाए जाने के लिए आदेश दिए गए हैं। 50 प्रतिशत स्टाफ को घर से ही कार्य करना होगा।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग की प्रदूषण को लेकर गंभीर दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर लोगों को घर पर ही रहने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो सुबह और शाम के वक्त प्रदूषण काफी अधिक हो रहा है जिसके कारण मॉर्निंग वॉक करने जाने वाले लोगों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर हो रहा है। ऐसे में अधिकारियों ने लोगों को खास तौर पर बुजुर्गों को मॉर्निंग व ईवनिंग वॉक न करने की सलाह दी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग इस प्रदूषण से बचकर रहें। जरूरत होने पर घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का उपयोग करें ताकि प्रदूषण के कण सांस लेते वक्त उनके शरीर में प्रवेश न कर सकें। फिलहाल जिस तरह से प्रदूषण बढ़ रहा है उससे कई और तरह की पाबंदियां लगनी भी तय नजर आ रहा है। वहीं, एनजीटी ने स्थानीय प्रशासन को भी निर्देश दिए हैं कि वह प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए पुख्ता इंतजाम करें। पानी का छिड़काव करने के साथ ही प्रदूषण को रोकने के लिए हर संभव कार्य करे।