Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 30 Aug, 2025 02:52 PM

हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि शहर में कई बिल्डर्स अपने प्रोजेक्ट्स की प्री-बुकिंग के समय बड़े-बड़े दावे करते हैं और 24 व 30 मीटर चौड़े रास्ते नक्शे में दिखाते हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति यह रहती है कि वह जमीन किसी और...
गुड़गांव, (ब्यूरो): हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि शहर में कई बिल्डर्स अपने प्रोजेक्ट्स की प्री-बुकिंग के समय बड़े-बड़े दावे करते हैं और 24 व 30 मीटर चौड़े रास्ते नक्शे में दिखाते हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति यह रहती है कि वह जमीन किसी और की मिल्कियत होती है। बाद में जब खरीदारों को पजेशन दिया जाता है तो ऐसे रास्तों को बंद कर दिया जाता है, जिससे सोसायटी में रहने वाले लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सड़कें बंद होने से न केवल आवागमन बाधित होता है, बल्कि सोसायटी के अन्य बुनियादी ढांचे पर भी असर पड़ता है। इनमें एसटीपी के पानी का उपयोग, मुख्य ड्रेन से जुड़ाव और अन्य आवश्यक सेवाओं की कनेक्टिविटी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह सीधा जनता के हितों से जुड़ा मामला है और सरकार किसी भी स्थिति में लोगों को असुविधा नहीं होने देगी।
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में आयोजित एक विशेष बैठक में राव नरबीर सिंह ने एचएसवीपी, सीटीपी और जीएमडीए अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग जब भी किसी बिल्डर को ओसी (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) जारी करे, तो यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि बिल्डर ने अपने प्रोजेक्ट में दिखाए गए 24 अथवा 30 मीटर चौड़े रास्तों का वास्तविक निर्माण किया है। यदि ऐसा नहीं है, तो ओसी जारी नहीं किया जाना चाहिए।
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे का स्थायी समाधान तभी संभव है जब मुख्यालय स्तर पर पॉलिसी में बदलाव किया जाए। इस पर मंत्री ने निर्देश दिया कि अधिकारी इस विषय पर अपने सुझावों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें, जिसे जल्द से जल्द मुख्यालय भेजकर स्वीकृति दिलाई जाएगी। राव नरबीर सिंह ने कहा कि बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद ज़रूरी है।उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार में जनता की समस्याओं का समाधान हमारी पहली प्राथमिकता है। किसी भी नागरिक को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उसके साथ धोखा हुआ है। बिल्डर्स को अपने वादों का पालन करना ही होगा, अन्यथा संबंधित विभाग नियमों के तहत संबंधित बिल्डर के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। राव ने कहा कि भविष्य में प्रोजेक्ट स्वीकृति के समय ही सड़क व अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के अधिकारों को स्पष्ट किया जाए। इससे खरीदारों को भरोसा मिलेगा और अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा।
बैठक में जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, निगमायुक्त प्रदीप दहिया, एचएसवीपी की प्रशासक वैशाली सिंह सहित टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रमुख अधिकारीगण मौजूद रहे।