Edited By Manisha rana, Updated: 19 May, 2025 09:53 AM

भिवानी में एक सरकारी जे.बी.टी. अध्यापक आनंद घनघस ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर पैसे देकर नौकरी देने और फिर उस भ्रष्टाचार को उजागर करने पर 12 साल प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
भिवानी (सुखबीर) : भिवानी में एक सरकारी जे.बी.टी. अध्यापक आनंद घनघस ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर पैसे देकर नौकरी देने और फिर उस भ्रष्टाचार को उजागर करने पर 12 साल प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। अब दोबारा नौकरी बहाल होने पर टीचर ने पूर्व सी.पी. एस. सहित 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए के मानहानि के नोटिस भेजे हैं।
एक निजी रेस्तरां में रविवार को पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए अध्यापक आनंद घणघस ने बताया कि वह पात्र अध्यापक संघ हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष था। 2011 में पूर्व की कांग्रेस सरकार में जे.बी.टी. शिक्षकों की भर्ती निकली तो उन्हें महसूस हुआ कि बिना पैसे दिए नौकरी नहीं मिलेगी। इसके बाद वह एक तत्कालीन विधायक एवं पूर्व सी.पी.एस. से मिले। उन्होंने उससे 5 लाख रुपए लिए। उसके बाद उसे यमुनानगर में ज्वाइन करवाया गया।
आनंद ने बताया कि इसके बाद दिल्ली में अन्ना आंदोलन शुरू हुआ तो उसमें भी ये भ्रष्टाचार का मामला उठाया। घनघस ने बताया कि इसके बाद उन पर झूठे मुकद्दमे दर्ज करवाए गए। वह 9 साल टर्मिनेट और 32 महीने सस्पेंड रहा। पिछले साल 11 मार्च को हरियाणा शिक्षा विभाग ने उसे दोबारा पद पर बहाल किया। अध्यापक आनंद का कहना है कि अब उन्होंने पूर्व सी.पी.एस. व उसके भाई सहित 140 लोगों को 76 करोड़ रुपए मानहानि के नोटिस भेजे हैं जिसमें कई कांग्रेस नेता, शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तथा कुछ उस समय के पंचायत प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने उसके खिलाफ हलफनामे दिए थे। आनंद घणघस का कहना कि ये नोटिस इसलिए भेजे हैं कि भविष्य में कोई संविधान व सिस्टम का गलत फायदा उठा कर किसी को गलत ना फंसाए।
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