Edited By Isha, Updated: 06 Jul, 2023 09:10 AM

हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों की लगभग 10000 एकड़ संयुक्त भूमि क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पाकर् विकसित किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को दिल्ली में अरावली सफारी पाकर् की समीक्षा बैठक करने के उपरांत...
डेस्क: हरियाणा के गुरुग्राम और नूंह जिलों की लगभग 10000 एकड़ संयुक्त भूमि क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पाकर् विकसित किया जाएगा। राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बुधवार को दिल्ली में अरावली सफारी पाकर् की समीक्षा बैठक करने के उपरांत मीडिया को बताया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पाकर् होगा। इसके बनने के बाद एक ओर जहां अरावली पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम और नूंह क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को सात दिन के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और नूंह जिलों में अरावली क्षेत्र में 10,000 एकड़ भूमि को जंगल सफारी पाकर् के लिए चिह्नित किया गया है। आज की बैठक में कई विषयों को लेकर विचार-विमर्श किया गया है। जंगल सफारी पाकर् को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा और पहले चरण को पूरा करने के लिए लगभग दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जैव विविधता पाकर् अवधारणा के अनुरूप सफारी पाकर् विकसित करने की परिकल्पना के तहत अरावली सफारी पाकर् परियोजना के विकास हेतु डिजाइन परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए दो चरण की निविदा प्रक्रिया अपनाई गई है। इसमें ऐसी सुविधाओं के डिजाइन और संचालन में अंतरराष्ट्रीय अनुभव वाली दो कम्पनियों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें से एक कम्पनी ने प्रस्तावित पाकर को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया है। श्री खट्टर ने कहा कि इस जंगल सफारी में सभी प्रकार के जानवर तथा पक्षियों की प्रजातियाँ लाने का प्रयास है।
वन्यजीवों की स्वदेशी प्रजातियों के अलावा हमारी जलवायु में रह सकने वाले विदेशों से लाए जा सकने वाले जानवरों पर भी अध्ययन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुल्तानपुर झील की तरह प्रवासी पक्षियों के लिए झील की व्यवस्था हो, इस पर भी चर्चा की गई है। इस प्रकार की जंगल सफारी पाकर् से विलुप्त होती प्रजातियों को संरक्षित कर बचाने में भी मदद मिलेगी। हमारा भी यह प्रयास है कि ऐसी प्रजातियों को सफारी पाकर् में संरक्षित रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राखीगढ़ी में संग्रहालय बनाने को लेकर भी आज बैठक की गई, जिसमें पुरानी सभ्यता को सुरक्षित रखना और उस स्थल को विकसित करने आदि विषयों को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ मिलकर राज्य सरकार काम कर रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने संग्रहालय और राखीगढ़ी गांव के भीतर पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास हेतु योजना का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। बैठक में विभिन्न विषयों की टाइमलाइन तय की गई है।
पीएमसी नियुक्त करने के लिए 15 जुलाई तक निविदाएं होंगी और 15 अगस्त तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दिसम्बर माह तक तक संग्रहालय की शुरुआत हो सके, इसके लिए सभी संबंधित विभागों को तेजी गति से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भौगोलिक द्दष्टि से हरियाणा छोटा राज्य है, लेकिन यहां पुरातत्व से जुड़ी हुई चीजें सबसे ज्यादा पाई जाती हैं। सरस्वती काल की सभ्यता के अवशेष भी हरियाणा के कई स्थानों पर हैं। इन सबको भी संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए सरकार प्रयासरत है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हरियाणा में आज जनता महसूस करती है कि जिस तरह की शासन व्यवस्था अब उन्होंने देखी हैं, पहले कभी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि इस प्रकार की व्यवस्थाएं भी बनेंगी।
आज हर वर्ग को महसूस होता है कि हमारी आवश्यकताओं की जानकारी होते ही सरकार उनकी डिलीवरी उनके घर द्वारा पर देती है। जनसंवाद कार्यक्रमों के माध्यम से लोग हमें बता रहें हैं कि वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शी ढंग से बिना किसी भेदभाव के पात्र व्यक्तियों को उनके अधिकार दे रही है। पहले की सरकार नौकरियों बांटती थी, जबकि अब युवा अपनी योग्यता के आधार पर हमसे नौकरी लेकर जाते हैं। बैठक में विदेशी फर्म के कंसलटेंट नीदरलैंड के एलेक्जेंडर काओराड बरोवर, गोंजालो फरनांडिज होयो, सौरव भयैक ने अपनी प्रेजेंटेशन दी। बैठक में पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक सम्पकर्, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। र