नई 'शिक्षा' के जरिए प्रदेश में बेहतर 'भविष्य' तलाश रही सरकार, सरकारी स्कूलों को संवारने पर भी फोकस

Edited By Shivam, Updated: 24 Nov, 2020 07:16 PM

government looking for better  future  in the state through new  education

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अब उन सपनों को साकार करते हुए नए हरियाणा के निर्माण की ओर अग्रसर हैं जो शिक्षा के रास्ते विकास तक पहुंचते हैं। यही वो वजह है कि खट्टर सरकार ने राजनीति के क्षेत्र में भी नया प्रयोग करते हुए पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकाय...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अब उन सपनों को साकार करते हुए नए हरियाणा के निर्माण की ओर अग्रसर हैं जो शिक्षा के रास्ते विकास तक पहुंचते हैं। यही वो वजह है कि खट्टर सरकार ने राजनीति के क्षेत्र में भी नया प्रयोग करते हुए पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकाय चुनावों में शिक्षा की 'शर्त’ को जोड़ा। यह प्रयोग इस कदर सार्थक हुआ कि आज प्रदेश के हर गांव की पंचायत का प्रतिनिधित्व एक शिक्षित के ही हाथ में है। 

इसके अलावा खास बात ये भी है कि शिक्षा को सर्वाेपरि मानते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नई शिक्षा नीति को बेहतर भविष्य के साथ जोड़ते हुए प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशें लागू करके प्रदेश को अन्य राज्यों की तुलना में पहला राज्य बना दिया है। इस नई शिक्षा नीति के तहत खट्टर सरकार की ओर से जहां मजबूत निर्णय लिए गए हैं। वहीं इसके आधार पर लक्ष्य भी निर्धारित किए गए हैं और अब उन लक्ष्यों की ओर सरकार के कदम बढ़ते नजर आ रहे हैं। पंचायती राज संस्थाओं में शिक्षा की अनिवार्यता लागू किए जाने के बाद खट्टर सरकार इस मुद्दे को भी विकास के साथ जोड़ते हुए आगामी पंचायती व निकाय चुनावों में मुख्य चुनावी मुद्दा बना सकती है।

इसलिए रहा शिक्षा पर फोकस
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जब प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री की कमान संभाली तो उनके काम करने के तरीके हर प्रयोग से जुड़ते चले गए। इस कारण उनकी पहचान प्रयोगधर्मी के रूप में होने लगी है। मुख्यमंत्री खट्टर ने इन्हीं प्रयोगों के बीच शिक्षा पर विशेष फोकस रखा और राज्य में पहली बार ऐसा हुआ कि ग्राम स्तर से लेकर शहर के वार्डांे के चुनावों को भी शिक्षा से जोड़ दिया। मसलन चुनाव लडऩे के इच्छुकों के लिए पढ़ाई की शर्त अनिवार्य कर दी गई और इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश के हर गांव की पंचायत और शहरी क्षेत्रों के वार्डांे में बतौर पार्षद का प्रतिनिधित्व करने वाला शिक्षित है।

मुख्यमंत्री खट्टर ने इस शर्त को जोड़ते हुए साफ कहा था कि इससे शिक्षा का विस्तार होगा और शिक्षित व्यक्ति ही विकास का मजबूत आधार बना सकता है। अब अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी मुख्यमंत्री खट्टर ने शिक्षा को बढ़ाने के लिए एक खाका खींचा है और इस दिशा में काम भी शुरू हो चुके हैं।

नए लक्ष्यों को लेकर चल रहा काम
खट्टर सरकार का स्लोगन है कि नई शिक्षा-बेहतर विकास और इसी को आधार मानते हुए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से न केवल हरियाणा देश का पहला राज्य बना है अपितु नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक लड़कियों का उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात 50 प्रतिशत से अधिक करने का बड़ा लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए कक्षा 9 से 12वीं के सभी सरकारी स्कूलों के विद्याॢथयों के लिए नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा धन के अभाव में प्रतिभा दबी न रहे, इसलिए सुपर-100 कार्यक्रम के तहत रेवाड़ी और पंचकूला में सरकारी विद्यालयों के बच्चों के लिए रहने, खाने व स्टेशनरी के मुफ्त सुविधा युक्त कोचिंग सेंटर्स खोले गए हैं। इन सेंटरों से 25 छात्रों का आईटीआई और 72 विद्याॢथयों का नीट में चयन हुआ अब 2 और कोङ्क्षचग सैंटर खोलने का भी निर्णय लिया गया है।

प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में सुधार
अक्सर हर अभिभावक अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूल की बजाए प्राइवेट स्कूल में एडमिशन दिलाने की इच्छा रखते हैं, ऐसे में खट्टर सरकार ने दिल्ली सरकार की तर्ज पर सरकारी स्कूलों को भी प्राइवेट स्कूलों जैसा बनाने का प्रयास शुरू किया है। इन स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर न केवल सुविधाएं बल्कि अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई करवाने के लिए 112 नए संस्कृति मॉडल स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। बच्चों के लिए 4000 प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है और इनमें से 1135 पर काम भी शुरू हो चुका है।

एक सार्थक कदम यह भी
मुख्यमंत्री खट्टर ने शिक्षा का विस्तार करने के साथ साथ विद्याॢथयों को बढिय़ा शिक्षा देने पर तो काम शुरू किया ही है। साथ ही कक्षा 6वीं से 12वीं तक की छात्राओं को हर महीने 6 सैनेटरी पैड का पैकेट मुफ्त देने का भी अहम निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश की 7 लाख छात्राओं को लाभ मिल रहा है। इसके साथ ही कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं के लिए 'छात्रा परिवहन सुरक्षा योजना’ के तहत मुफ्त परिवहन सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है।

प्रदेश में खोले 16 उम्मीद केंद्र
बच्चों और अभिभावकों की टेली काऊंसिलिंग के लिए सरकार की ओर से प्रदेश में 16 उम्मीद केंद्र खोले गए हैं। इनमें 2 लाख 6 हजार 150 विद्याॢथयों व अभिभावकों को परामर्श दिया तथा 1610 विद्याॢथयों व अभिभावकों की काऊंसिलिंग भी की। विद्याॢथयों के लिए ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था की और एनसीआरटी द्वारा टीवी चैनलों के माध्यम से 52 लाख विद्याॢथयों को शिक्षा दी जा रही है।

एचटेट की मान्यता को बढ़ाया
हरियाणा सरकार ने हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटेट) की मान्यता 5 वर्ष से बढ़ाकर 7 वर्ष की जिससे इन विद्याॢथयों को काफी लाभ मिल रहा है। इसके अलावा एचटेट परीक्षा के लिए परीक्षाॢथयों के निवास स्थान से 50 किलोमीटर से बाहर न जाना पड़े, इसके लिए भी व्यवस्था इसी वर्ष के शुरूआती दौर में कर दी गई। एक वर्ष में लड़कियों के लिए 15 नए सरकारी कॉलेज खोले गए और पिछले 6 सालों में कुल 67 नए राजकीय कॉलेज खोले गए हैं जिनमें 42 लड़कियों के हैं। विदेशों में उच्च शिक्षा व रोजगार के लिए महाविद्यालयों में ही पासपोर्ट बनवाने की सुविधा शुरू करवाई गई। अब तक इसके लिए प्रदेश भर से 6538 विद्याॢथयों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किए हैं।

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