हरियाणा में 57 बच्चों का  भविष्य महज एक शिक्षक के कंधों पर टिका, सरकार के बड़े-बड़े वादे और दावे हुए हवा हवाई

Edited By Isha, Updated: 11 Jul, 2025 07:57 AM

future of 57 children rests on the shoulders of just one teacher

सरकारी स्कूलों को लेकर सरकार के बड़े-बड़े वादे और दावे हवा हवाई नजर आ रहे है। गन्नौर के गांव भाखरपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में आते ही सरकार के वादे खोखले नजर आने लगते हैं। यहां पहली से पांचवीं

गन्नौर  ( कपिल शर्मा): सरकारी स्कूलों को लेकर सरकार के बड़े-बड़े वादे और दावे हवा हवाई नजर आ रहे है। गन्नौर के गांव भाखरपुर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में आते ही सरकार के वादे खोखले नजर आने लगते हैं। यहां पहली से पांचवीं तक की पढ़ाई करने वाले 57 बच्चों का पूरा भविष्य महज एक शिक्षक के कंधों पर टिका हुआ है। बाकी सभी पद वर्षों से खाली हैं। नतीजा यह है कि पढ़ाई बदहाल है, अभिभावक बच्चों को दूसरे गांव के स्कूलों में भेजने पर मजबूर हैं और यह स्कूल महज इमारत बनकर रह गया है। 

विद्यालय के एकमात्र शिक्षक राजेश कुमार पिछले एक साल से अकेले ही पूरे स्कूल का संचालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह बाल वाटिका, नर्सरी, पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों को एक साथ पढ़ाते हैं, जबकि तीसरी से पांचवीं कक्षा के बच्चों को अलग से। सभी कक्षाओं के चार-चार विषय अकेले पढ़ाना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं। इसके अलावा मिड-डे मील, सरकारी रिकार्ड का काम और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक जैसी जिम्मेदारियां भी उन्हें निभानी पड़ रही हैं। राजेश कुमार ने बताया कि परिवार पहचान पत्र में उनकी ड्यूटी लगाई गई है, जिससे स्कूल में पढ़ाई बाधित होती है। कई बार निजी काम के लिए छुट्टी भी लेनी पड़ती है तो छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो जाती है।

विद्यालय में स्टाफ की कमी का असर साफ नजर आ रहा है। छात्र संख्या लगातार घट रही है। दाखिले के समय जब शिक्षक गांव के लोगों के पास गए तो अभिभावकों ने साफ कहा कि शिक्षक न होने के कारण वे बच्चों को इस स्कूल में दाखिल नहीं कराएंगे। गांव के सरपंच राजेंद्र राठौर ने विभाग पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले इस स्कूल का नाम था और हर प्रतियोगिता में बच्चे अव्वल आते थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि गांव के छात्र मजबूरी में दूसरे गांव के स्कूलों में पढ़ने जा रहे हैं। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है। उन्होंने विभाग से मांग की कि जल्द से जल्द कम से कम दो और शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया ने कहा कि हाल ही में हुए प्रमोशनों और तबादलों के चलते कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार एचकेआरएनके माध्यम से अस्थायी शिक्षकों की नियुक्ति कर रही है। साथ ही जिन स्कूलों में स्टाफ की कमी है, वहां आसपास के स्कूलों से अस्थायी रूप से स्टाफ भेजा जा रहा है ताकि छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

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