RTI खुलासा: मोदी सरकार के पास जम्मू-कश्मीर में आंतकवादियों के हाथों मारे गए लोगों व पलायन करके वापिस लौटे लोगों की सूचना नहीं

Edited By Vivek Rai, Updated: 09 May, 2022 04:25 PM

government does not have information about people killed in jammu kashmir

जम्मू कश्मीर पुलिस के जम्मू मुख्यालय की डीएसपी एवं जन सूचना अधिकारी स्वाति शर्मा ने आरटीआई में अपने 27 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा बताया कि आंतकवादियों के हाथों जिला जम्मू  में वर्ष 1989 से आज तक सिर्फ 2 कश्मीरी पंडित मारे गए ।

पानीपत/चंडीगढ़ (सचिन/धरणी): जम्मू कश्मीर पुलिस के जम्मू मुख्यालय की डीएसपी एवं जन सूचना अधिकारी स्वाति शर्मा ने आरटीआई में अपने 27 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा बताया कि आंतकवादियों के हाथों जिला जम्मू  में वर्ष 1989 से आज तक सिर्फ 2 कश्मीरी पंडित मारे गए । जबकि इस दौरान आंतकवादियों द्वारा मारे गए कुल 274 लोगों में से 197 हिंदू, 37 मुस्लिम, 36 सिख व 2 अज्ञात थे ।

दूसरी ओर ज़ोनल पुलिस हैड क्वार्टर कश्मीर के जन सूचना अधिकारी ने अपने 1 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा सूचना देने से इनकार करते हुए कहा कि आंतकवादियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडितों व मुस्लिमों व अन्य धर्म के लोगों की संख्या बताने से व पलायनकर्ताओं की घर वापसी की सूचना देने से देश की  एकता अखण्डता व सुरक्षा खतरे में आ जायेगी ।

सबसे बड़ी हैरानी है कि मोदी सरकार के पास वर्ष 1989 से आज तक जम्मू कश्मीर में  आंतकवादियों के हाथों मारे गए व पलायनकर्ता कश्मीरी पंडितों , मुसलमानों व अन्य की संख्या की कोई सूचना ही नहीं है । सरकार को यह भी नहीं पता कि पलायनकर्ता कुल कितने कश्मीरी पंडितों को वापिस कश्मीर में बसाया जा चुका है । यह चौंकाने वाला खुलासा पानीपत आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने आरटीआई से मिली सूचना से किया है ।

कपूर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी कबिराज साबर ने अपने 26 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा बताया कि उनके पास जम्मू कश्मीर में वर्ष 1989 से आंतकवादियों के हाथों मारे गए इन मृतकों की कुल संख्या की सूचना उपलब्ध नहीं है । जम्मू कश्मीर से कुल 44,684 परिवारों (कुल 1,54,712 लोगों )ने पलायन किया। इन पलायन कर्ताओं में से कितने कश्मीरी पंडित थे,कितने मुस्लिम या अन्य थे,यह जानकारी भी केंद्र सरकार के पास मौजूद नहीं है । केंद्र सरकार के पास यह सूचना भी नहीं है कि कितने कश्मीरी पंडितों को आज तक वापिस कश्मीर में बसाया गया । प्रधानमंत्री के विकास पैकेज के तहत कुल 2015 कश्मीरी पलायनकर्ताओं को नौकरी दी गई है ।

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कहा कि एक ओर तो एडल्ट मूवी "द कश्मीर फ़ाईल्स" को सच बता कर पीएम मोदी द्वारा प्रोमोट किया गया व भाजपा सरकारों ने टैक्स फ्री किया। वहीं आंतकवाद के कारण कश्मीर से पलायन शुदा कश्मीरी पंडितों को वापिस बसाने व आंतकवादियों के हाथों मारे लोगों की संख्या की सूचना तक न होना मोदी सरकार के लिए बेहद शर्मनाक है व इनके हिन्दू हितैषी होने के दावों का पर्दाफाश करता है ।

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