Good News: अब गांव में भी उठेगा डोर-टू-डोर कचरा, इन्हें मिलेगा सफाई का ठेका

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 12 Jun, 2025 06:43 PM

good news now door to door garbage will be collected in villages too

मुख्यमंत्री सैनी की अध्यक्षता वाली हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में बड़े गांवों के लिए 298 हॉपर टिपर डंपर खरीदने की मंजूरी भी दी जा चुकी है। जिस कंपनी को इसका ठेका दिया गया है

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा के गांवों में भी अब शहरों की तर्ज पर सफाई होगी। गांवों से निकलने वाले घरेलू कूड़े के उठान का भी सरकार ने पूरा प्रबंध कर लिया है। इसके लिए नियमों में भी छूट दी गई है। सरकार ने 10 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों की ग्राम पंचायतों को हॉयर टिपर डंपर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था। अब सरकार ने तय किया है कि 7500 से अधिक आबादी वाले सभी गांवों को डंपर दिए जाएंगे।

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता वाली हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में बड़े गांवों के लिए 298 हॉपर टिपर डंपर खरीदने की मंजूरी भी दी जा चुकी है। जिस कंपनी को इसका ठेका दिया गया है, उसे निर्देश दिए हैं कि वह जल्द डिलीवरी शुरू करे। डिलीवरी मिलते ही सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों में डंपर भिजवाए जाएंगे। डंपर खरीद के लिए कमेटी ने 19 करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी मंजूर किया है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की थी। बजट लागू होने के लगभग दो माह बाद ही इस योजना को सिरे भी चढ़ा दिया है। डंपरों का प्रबंध ग्राम पंचायतों द्वारा महाग्रामों के अलावा आसपास लगते छोटे गांवों से निकलने वाले कूड़े के उठान में किया जाएगा। पांच से छह गांवों को मिलाकर एक कलस्टर बनेगा। इन गांवों का कूड़ा इस कलस्टर में इकट्ठा होगा और फिर इसका निस्तारण किया जाएगा। आने वाले समय में कूड़े से खाद व बिजली बनाने की भी योजना है।

डोर-टू-डोर होगी कलेक्शन

शहरों की तर्ज पर प्रदेश के सभी गांवों में भी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की योजना पर काम शुरू हो गया है। कुछ गांवों में इस योजना को लागू किया जा चुका है। सरकार ने विकास एवं पंचायत विभाग को सभी ग्राम पंचायतों में इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना में स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जाएगी। स्वयं सहायता समूहों को इसकी एवज में मासिक मानदेय दिया जाएगा।

कलस्टर में होगी प्रोसेसिंग

पंचायत विभाग ने आसपास के गांवों को मिलाकर कलस्टर बनाए हुए हैं। कलस्टर वाइज कूड़ा इकट्ठे करने के लिए शैड्स बनाए हुए हैं। बड़े गांवों व आसपास के गांवों का कूड़ा डंपर में इन कलस्टर्स तक पहुंचाया जाएगा। यहां इनकी प्रोसेसिंग होगी। अभी तक इन प्लांट्स में कूड़े से खाद बनाए जाने का प्रबंध है। प्रोसेसिंग के जरिये प्लास्टिक, कांच आदि को कूड़े से अलग किया जाता है। वहीं जिन कूड़े से खाद बनाई जा सकती है, वह अलग से छांटा जाता है। आने वाले दिनों में कूड़े से बिजली उत्पादन की भी प्लानिंग विभाग बना रहा है।

मुख्य उद्देश्य गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाना- सचिव अमित अग्रवाल

विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव अमित अग्रवाल ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण का मुख्य उद्देश्य गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाए रखने और ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता के स्तर में सुधार कर सभी गांवों को मॉडल गांव बनाना है। राज्य सरकार ने महाग्रामों तथा 7500 से अधिक आबादी वाले गांवों के लिए 298 हॉपर टिपर डंपर खरीदने की मंजूरी दी है। इस पर 19 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी।

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