केंद्रीय नेतृत्व को खूब भा रहा गब्बर विज का काम, नड्डा के बाद राजनाथ ने भी की तारीफ

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 21 Aug, 2022 05:12 PM

gabbar vij s work is very much liked by central leadership of bjp

अनिल विज का सख्त लहजा उनकी ना केवल पहचान है, बल्कि उनकी छवि को गब्बर की पहचान मिलना एक मजबूत पृष्ठभूमि का हिस्सा है, जो ना केवल ब्यूरोक्रेसी को उनके आदेशों की पालना के लिए मजबूर करता है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुंह से प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के लिए निकले प्रशंसा के शब्द कोई संयोग नहीं, बल्कि इस बात पर मुहर है कि उनके कुशल नेतृत्व, शासन-प्रशासन के साथ उग्र स्वभाव और निर्णय लेने की क्षमता केंद्रीय नेतृत्व को भी खूब भा रही है। विज की कार्यप्रणाली की तारीफ में निकले इन शब्दों ने उनके कद को केंद्र और प्रदेश की राजनीति में और बड़ा कर दिया है। रक्षा मंत्री की तारीफ से यह भी तय है कि केंद्रीय नेतृत्व उनसे बेहद खुश है। गंभीर रूप से बीमार रहने के दौरान देश के प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से उनसे बात कर उनकी खैर-खवा के बारे में जानकारी लेना कोई छोटी बात नहीं है।

 

लापरवाह अधिकारियों पर अकसर सख्त नजर आते हैं विज

 

अनिल विज का सख्त लहजा उनकी ना केवल पहचान है, बल्कि उनकी छवि को गब्बर की पहचान मिलना एक मजबूत पृष्ठभूमि का हिस्सा है, जो ना केवल ब्यूरोक्रेसी को उनके आदेशों की पालना के लिए मजबूर करता है। इसके साथ ही जनता के भी वह बेहद चहेते नेता बने हुए हैं। यह सख्त लहजा हर किसी के लिए नहीं केवल लापरवाह और जनता को तंग करने वाले अधिकारी- कर्मचारियों के लिए ही आमतौर पर देखा गया है। लेकिन जिम्मेदारियों का सही ढंग और ईमानदारी से निर्वहन करने वाले लोग उनकी तारीफ करते भी नजर आते हैं। समय-समय पर ऐसे लोगों को अनिल विज द्वारा प्रोत्साहित भी किया जाता रहा है। इनका यही नजरिया प्रदेश की जनता को भी हमेशा से भाता रहा है। विधानसभा अंबाला छावनी से दो बार निर्दलीय  समेत छह बार विधायक रहना कोई इत्तेफाक नहीं हो सकता। यह उनकी क्षेत्र की जनता में मजबूत पकड़ को दर्शाने के लिए काफी है। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ खट्टास की खबरें भी जगजाहिर है, लेकिन विज की मजबूत केंद्रीय पकड़ और उग्र व्यक्तित्व ने उन्हें कभी किसी समझौते के लिए मजबूर नहीं होने दिया।

 

विज के जनता दरबार ने प्रदेश भर से समस्याएं लेकर पहुंचते हैं लोग

 

अनिल विज एक ऐसी पहचान है जो किसी तारीफ की मोहताज नहीं हैं, 1953 में जन्मे अनिल विज ने छात्र संगठन एबीवीपी से छात्र राजनीति की शुरुआत की। शुरू से ही तेज तर्रार नेता के रूप में जाने गए विज त्याग के विचारों से प्रभावित रहे। इसी विचारधारा ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचा डाला। एसबीआई से सरकारी नौकरी का त्याग कर अपने भविष्य को दांव पर लगाते हुए उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन व्यक्तिगत विचारों से कभी समझौता ना करने के कारण उन्हें भाजपा से भी मजबूरन दूरी बनानी पड़ी थी और भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में निर्दलीय रूप से उतरकर दो बार 1996 और 2000 में विधायक भी बने। अंबाला छावनी से 6 बार विधायक रहना उनकी जनता में पकड़ को दर्शाने के लिए काफी है। यारों के यार रहे अनिल विज आज ही अपने रोजमर्रा के मित्रों से एक छोटी सी चाय की दुकान पर जाकर पुरानी बैठक को बरकरार रखे हुए हैं। रोजाना प्रदेश के कोने-कोने से करीब एक हजार लोगों का उनके खुले दरबार में पहुंचकर उनके सामने समस्याओं को रखना और विज द्वारा मौके पर ही समाधान करने की कोशिश करना ना केवल उनकी कार्यप्रणाली को दर्शाता है, बल्कि जनता में एक साफ संदेश भी जाता है कि उनके जैसा कोई नहीं।

 

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!