हरियाणा की दिवाली ग्रीन पटाखों वाली, सामान्य पटाखों की बिक्री पूरी तरह रहेगी प्रतिबंधित

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 20 Oct, 2022 08:43 PM

firecrackers are banned in haryana only green crackers can be used

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरकार के निर्देश पर प्रत्येक जिले में ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए स्थान निर्धारित कर दिए गए हैं। इन स्थानों पर ही ग्रीन पटाखों की बिक्री होगी।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस बार हरियाणा की दीपावली ग्रीन पटाखों वाली होगी। सामान्य पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि सामान्य पटाखे पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होते हैं। इसलिए हरियाणा सरकार ने सामान्य पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरकार के निर्देश पर प्रत्येक जिले में ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए स्थान निर्धारित कर दिए गए हैं। इन स्थानों पर ही ग्रीन पटाखों की बिक्री होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना लाइसेंस के पटाखे बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक जिले में खुले स्थान पर ही पटाखा बिक्री के लिए निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि त्योहारी रौनक के साथ-साथ हमें पर्यावरण का भी ख्याल रखना है।

 

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प्रदूषण कम करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन में हो रहे सकारात्मक प्रयास: मुख्यमंत्री


मनोहर लाल ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन व वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाणा सरकार बेहद गंभीर है। फसल अवशेष प्रबंधन पर राज्य सरकार ढांचागत रणनीति के साथ कार्य कर रही है, जिसमें इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन, एक्स-सीटू प्रबंधन, प्रभावी निगरानी, प्रवर्तन, आईईसी गतिविधियां शामिल हैं। विभिन्न मशीनों व डिक्मपोसर के माध्यम से 23 लाख मीट्रिक टन और एक्स-सीटू मैनेजमेंट के तहत 13 लाख मीट्रिक टन पराली का प्रबंधन किया जाएगा। इस वजह से पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी आई है। पराली न जलाने के बारे में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा रहा है। पराली प्रबंधन के लिए पिछले 4 सालों में किसानों को सीएचसी के माध्यम से और व्यक्तिगत रूप से 72,777 मशीनरी उपलब्ध करवाई गई है। इस वर्ष 7146 मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं, जिसमें बेलिंग यूनिट, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल इत्यादि शामिल है।

 

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उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इन-सीटू मैनेजमेंट के तहत किसानों को  प्रति एकड़ बेलिंग के लिए 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि  दी जा रही है और इसके साथ ही बेलर्स के परिवहन के लिए 500 रुपये प्रति एकड़ अधिकतम 15 हजार रुपए तक गौशालाओं को दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन में हरियाणा सरकार सकारात्मक दिशा में काम कर रही है।

 

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