DAP खाद की कमी को लेकर किसानों को भटकना सरकार का मिसमैनेजमेंट: कुमारी सैलजा

Edited By Isha, Updated: 26 Oct, 2024 06:38 PM

farmers wandering around due to shortage of dap fertilizer

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार को जब पता था कि रबी सीजन की फसलों की बिजाई के समय डीएपी खाद का संकट

चंडीगढ़: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार को जब पता था कि रबी सीजन की फसलों की बिजाई के समय डीएपी खाद का संकट गंभीर रूप ले लेता है तो उसे देखते हुए सरकार ने उचित कदम क्यों नहीं उठाया। क्यों किसानों को उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है ऊपर से भाजपा किसान हितेषी होने का दावा करती है। देश में सालाना करीब 110 लाख टन डीएपी की खपत होती है जिसमें से लगभग 70 लाख टन का आयात होता है। ऐसे में किसान डीएपी के लिए मारा मारा फिरता है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसी पर खाद खत्म बता दी जाती है जबकि प्राइवेट एजेंसी पर वहीं खाद ब्लैक में बिकती है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि  प्रमुख उर्वरक डाईअमोनियम फास्फेट (डीएपी) की किल्लत ने किसानों की नींद उठा दी है। हरियाणा में  डीएपी के लिए किसान लाइनों में लगने को मजबूर हैं, फिर भी जरूरत के मुताबिक डीएपी नहीं मिल पा रहा है। रबी सीजन में गेहूं, सरसों, चना और आलू की बुवाई के लिए किसानों को डीएपी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो डीएपी के लिए मारामारी की स्थिति पैदा हो गई है और किसान धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।

उर्वरक के रूप में यूरिया के बाद देश में सबसे अधिक खपत डीएपी की होती है। डीएपी का प्रयोग मुख्यत: फसल की बुवाई के समय किया जाता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर में डीएपी की बिक्री पिछले साल के 15.7 लाख टन के मुकाबले 51 फीसदी घटकर 7.76 लाख टन रह गई है। जबकि इस साल अच्छे मानसून के कारण उर्वरकों की मांग बढ़ी है। डीएपी का मौजूदा संकट खरीफ सीजन के दौरान ही शुरू हो गया था जो अब सामने दिख रहा है।  

उन्होंने कहा है कि इस साल अप्रैल से अगस्त 2024 तक भारत में 15.9 लाख टन डीएपी का आयात हुआ, जो पिछले साल इसी अवधि में हुए 32.5 लाख टन डीएपी आयात से 51 फीसदी कम है। उन्होंने कहा कि  डीएपी आने में देरी हो गई तो सींचे गए खेत अगर सूख जाएंगे और किसानों को फिर से खेतों की सिंचाई करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जब डीएपी उपलब्ध थी तो डीएपी का वितरण सही तरीके से नहीं किया गया।  उन्होंने कहा कि सरकार के पास पूरा रिकॉर्ड है कि किस जिले में कितनी जमीन है और कौन-कौन सी फसल होती है। ऐसे में समय रहते डीएपी व यूरिया का प्रबंध न करना मिसमैनेजमेंट है। अब अगले महीने में किसानों को यूरिया के लिए इसी प्रकार ठोकरें खानी पड़ेगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि जरूरत के अनुसार डीएपी तुरंत मुहैया करवाई जाए और यूरिया का पहले से ही प्रबंध किए जाएं ताकि इसके बाद किसानों को परेशान न होना पड़े।

 

प्रियंका का राजनीति में आना कांग्रेस, महिलाएं और संसद के लिए अच्छा होगा

कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा देश में कांग्रेस की मजबूती के लिए अथक मेहनत कर रही है, कांग्रेस ही नहीं देश चाहता था कि वे राजनीति में आए, चुनाव रण में आए। आज प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रही है, उनका राजनीति में आना और चुनावी जंग लड़ना सबके लिए, कांग्रेस, महिलाओं और यहां तक की संसद के लिए अच्छा होगा, महिलाओं की आवाज वे संसद में उठाएंगी। उन्होंने कहा कि संंसद में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और राज्यसभा में सोनिया गांधी देश के लोगों की आवाज को बुलंद करेंगे।

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सैलजा ने जीवन सिंह की शहादत को किया नमन

सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा जिला के गांव रोहण निवासी मां भारती के लाल जीवन सिंह की शहादत को नमन करते हुए कहा कि वे शोकाकुल परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं और ईश्वर से प्रार्थना करती है कि परिजनों को यह कष्ट सहन करने का संबल प्रदान करें। गौरतलब हो कि वीरवार को जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में गांव रोहण (सिरसा) के निवासी  जीवन सिंह वीरगति को प्राप्त हुए। शुक्रवार देर शाम को उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।

 

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