Edited By Manisha rana, Updated: 25 Oct, 2024 08:50 AM
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। गरीब परिवार से बुलंदियों तक पहुंची रानी रामपाल का जीवन किसी मिसाल से कम नहीं है।
हरियाणा डेस्क : भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। गरीब परिवार से बुलंदियों तक पहुंची रानी रामपाल का जीवन किसी मिसाल से कम नहीं है। आज लोग अपनी बेटियों को रानी जैसा बनाना चाहते हैं। रानी रामपाल का हॉकी करियर करीब 16 साल का रहा। इस दौरान उन्होंने कई बड़े मुकाम हासिल किए। इनमें लगातार दो बार ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी करना भी शामिल है।
हरियाणा की रहने वाली है रानी रामपाल
बता दें कि रानी रामपाल हरियाणा की रहने वाली हैं। रानी का जन्म कुरुक्षेत्र जिले के शाहबाद में 1994 में हुआ था। रानी रामपाल बेहद गरीब परिवार से आती हैं। उनके पिता रामपाल घोड़ा तांगा चलाते और ईंट बेचते थे। जब रानी ने हॉकी खेलने की जिद की तो परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो रानी की जरूरतें पूरी कर सकें। इसके बावजदू रानी ने हॉकी में आगे बढ़ने का हौसला नहीं छोड़ा।
2009 में पहली बार भारतीय टीम में हुआ चयन
रानी रामपाल का भारतीय हॉकी टीम में पहली बार 2009 में चयन हुआ था। उस समय उनकी उम्र करीब 15 साल थी। 2009 में जर्मनी में जूनियर विश्व कप खेला गया। इसमें भारत ने कांस्य पदक जीता था। रानी पहली बार भारतीय टीम में खेल रहीं थी। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में रानी ने तीन गोल करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। वो इस प्रतियोगिता में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थीं। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रानी रामपाल 200 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेल चुकी हैं।
पद्म श्री और खेल रत्न से सम्मानित
हॉकी में तमाम उप्लब्धियों के लिए रानी रामपाल को अब तक कई सम्मान से नवाजा जा चुका है। भारत सरकार ने 2020 में रानी रामपाल को पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा।
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