Edited By Vivek Rai, Updated: 02 May, 2022 01:07 PM
लंबे समय तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसान अब गेहूं पर बोनस दिए जाने की मांग को लेकर सरकार के विरोध में सडकों पर उतर गए हैं। सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए किसानों ने कहा कि यदि जल्द ही इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो किसान सड़कों पर उतरने को...
यमुनानगर(सुमित): लंबे समय तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसान अब गेहूं पर बोनस दिए जाने की मांग को लेकर सरकार के विरोध में सडकों पर उतर गए हैं। यमुनानगर में भी अपनी कई मांगो को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने जिला सचिवालय पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि आज सरकार किसानों को मारने पर तुली है। किसानों ने कहा कि आगजनी की घटनाओं से न सिर्फ उनकी फसलों का नुकसान हो रहा है बल्कि कई जगह किसानों की मौत भी हुई है। इसलिए किसानों ने उन्हे प्रति क्विंटल गेंहू पर 500 रुपए बोनस दिए जाने की मांग रखी। किसानों का आरोप है कि क्रॉप कटिंग के माध्यम से कृषि विभाग ने जो आंकड़े दिखाए वह गलत है। सरकार बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है और किसान को मारने का काम कर रही है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्य्क्ष संजू गुंदियाना ने बताया कि आज कई मांगो को लेकर प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों पर भाकियू द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। यमुनानगर में भी किसानों ने प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा है। इस ज्ञापन के माध्यम से गेहूं पर 500 प्रति क्विंटल बोनस और आगजनी से किसानों की बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि आग की घटनाओं के चलते कई स्थानों पर किसानों की जान भी गई है। सरकार पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दे। कृषि विभाग की तरफ से क्रॉप कटिंग के माध्यम से अबकी बार गेहूं की पैदावार अधिक बताई है जो सरासर गलत है। कृषि विभाग का आंकड़ा बता रहा है की पैदावार अबकी बार अट्ठारह क्विंटल से 20 क्विंटल हुई है। जबकि अबकी बार गेहूं मात्र 5 क्विंटल से 12 क्विंटल के बीच में रही है। बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी मिलकर किसान को मारने का काम कर रहे हैं। बहुत से ट्यूबवेल कनेक्शन अभी भी पेंडिंग पड़े हुए हैं। वो तुरंत किसानों को दिये जायें। यमुनानगर से जो दो नेशनल हाइवे निकलने है उसका सही मुआवजा किसानों को दिया जाए। जो मुआवजा दिया जा रहा है, वह बहुत कम है। सरकार के खिलाफ हुंकार भरते हुए किसानों ने कहा कि यदि जल्द ही इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
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