भाजपा सांसदों के परिजनों की  टिकटों पर संकट के बादल

Edited By Isha, Updated: 22 Aug, 2019 10:21 AM

family members of bjp mps face trouble on tickets

भारतीय जनता पार्टी द्वारा वंशवाद के खिलाफ बनाई गई नीति से प्रदेश भाजपा के 7 सांसदों के परिजनों की टिकट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट से महरूम रहना पड़ेगा।  दरअसल

फरीदाबाद (महावीर): भारतीय जनता पार्टी द्वारा वंशवाद के खिलाफ बनाई गई नीति से प्रदेश भाजपा के 7 सांसदों के परिजनों की टिकट पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि उन्हें इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट से महरूम रहना पड़ेगा।  दरअसल,प्रदेश के 7 सांसदों के परिजन टिकट की दौड़ में हैं और इनके लिए स्वयं भाजपा सांसद पैरवी कर रहे हैं।

हालांकि कुछ सांसदों के परिजन मेहनत व लोकप्रियता के दम पर टिकट के हकदार भी नजर आ रहे हैं लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खुले मंच से भाजपा को वंशवाद विरोधी पार्टी करार दे रहे हैं। उसे देख लग रहा है कि भाजपा इस बार सांसदों के परिजनों को टिकट देने से परहेज करेगी। गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत, फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर,सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक, भिवानी महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी,अंबाला के सांसद रतन लाल कटारिया व हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह व उनके पिता वीरेंद्र सिंह भाजपा से अपने परिजनों के लिए विधानसभा में टिकट की मांग कर रहे हैं। 

लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीटों पर कब्जा करने के बाद भाजपा पूरे जोश में है। ऐसे में भाजपा के सांसद इस लहर में अपने परिजनों को भी स्थापित करना चाह रहे हैं। यही कारण है कि वे अपने परिजनों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। इनमें से कई सांसद ऐसे हैं जिनके परिजन काफी सक्रियता से राजनीति कर रहे हैं लेकिन भाजपा के वंशवाद के खिलाफ आ रहे बयान साफ इशारा कर रहे हैं कि भाजपा मंत्रियों व सांसदों के परिजनों को विधानसभा चुनाव में टिकट देने से परहेज कर सकती है।

अमित शाह व राजनाथ की दे रहे मिसाल
वंशवाद के खिलाफ आ रहे भाजपा हाईकमान के बयान के बाद भाजपा सांसद अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उदाहरण दे डालते हैं।  उनका कहना है कि एक तरफ भाजपा एक व्यक्ति एक पद की बात करती है तो अमित शाह के पास आज भी दो-दो राष्ट्रीय महत्वपूर्ण पद हैं।

इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र भी विधायक हैं। इसके साथ-साथ हरियाणा भाजपा के सांसद अन्य कई प्रदेशों के ऐसे नेताओं का जिक्र भी करते हैं जिनके परिवार में 2-2 लोगों को पार्टी ने टिकट दिया है लेकिन जिस कदर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री मनोहरलाल भाजपा को वंशवाद के खिलाफ प्रचारित कर रहे हैं उससे लगता है कि प्रदेश के सांसदों का तर्क कोई मायने नहीं रखता। वीरेंद्र सिंह द्वारा आयोजित की गई आस्था रैली में भी वंशवाद की खिलाफत भाजपा के बड़े नेताओं ने दिखाई थी। इसके अलावा रथ यात्रा के शुभारंभ पर भी मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में भाजपा वंशवाद को बढ़ावा नहीं देगी। अब देखने वाली बात यह है कि टिकट वितरण में भाजपा किस नीति पर अमल करती है। 

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