किरण चौधरी न तो सीएलपी लीडर है, न नेता प्रतिपक्ष हैं... ना ही वह किसी राज्य की प्रभारीः उदय भान

Edited By Saurabh Pal, Updated: 05 May, 2024 10:23 PM

factionalism may increase in haryana congress

हरियाणा में कांग्रेस ने भले ही 10 लोकसभा उम्मीदवार उतार दिए हो मगर 10 के 10 लोकसभा उम्मीदवारों की कहीं ना कहीं खिलाफत एक दूसरा अच्छा करता नजर आ रहा है। दूसरा अच्छा यानी एसआरके अब एसआरकेबी के गुट हो चुका है

चंडीगढ़(चंद्र शेखऱ धरणी): हरियाणा में कांग्रेस ने भले ही 10 लोकसभा उम्मीदवार उतार दिए हो मगर 10 के 10 लोकसभा उम्मीदवारों की कहीं ना कहीं खिलाफत एक दूसरा अच्छा करता नजर आ रहा है। दूसरा अच्छा यानी एसआरके अब एसआरकेबी के गुट हो चुका है। क्योंकि कांग्रेस में इस आरकेगुट में बीरेन्द्र सिंह राजनैतिक मजबूरियों के जंजाल में फंस शामिल हो गए है। नामांकन पत्र भरने से लेकर अन्य कई मोचन पर टिकट आवर्तन के बाद कांग्रेस के गुटों में जूतों में डाल बंटती नजर आ रही है। 

किसी भी कांग्रेस के हरियाणा के अध्यक्ष उदयभान के चौंकाने वाले बयान सामने आए हैं उन्होंने कहा है की किरण चौधरी ना तो सीएलपी लीडर है ना नेता प्रतिपक्ष है ना ही वह किसी राज्य की प्रभारी है। यानी कि कांग्रेस की आंतरिक फूट अगले दिनों में ज्यादा बढ़ाने वाली है। गौरतलब है की किरण चौधरी हाल ही में राव दान सिंह जो भिवानी के उम्मीदवार हैं उनके पक्ष में बोलकर आई है जबकि किरण चौधरी ने जब श्रुति चौधरी की टिकट काटी थी तब भी भिवानी के अंदर आयोजित कार्यक्रम में यह कहा था कि राजस्थान सिंह की वैसे ही मदद की जाए जैसे कि उन्होंने श्रुति के चुनाव में मदद की थी।

कुमारी कलेजा का सिरसा में नामांकन पत्र दाखिल होता है उसे दौरान नेता प्रतिपक्ष महेंद्र सिंह हुड्डा तथा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान तथा उनकी टीम का एक भी सदस्य वहां शामिल नहीं होता इसकी राजनीतिक परिभाषा क्या निकल जाए यह राजनीतिक विशेषज्ञ निष्कर्ष निकालने पर लग रहे हैं। हरियाणा में जो कांग्रेस की स्थिति है उसको सुधारने की बजाय कांग्रेस बिगड़ने पर लगी हुई है। इसी दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदयभान के बयान किरण चौधरी के खिलाफ जिस तरह से आते हैं वह काफी गर्म बयां है तथा कांग्रेस की राजनीति में काफी तूफान ला सकते हैं।

2004 से 2014 तक हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में रही तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री हुआ करते थे 2014 से लेकर 2024 तक हरियाणा के अंदर भाजपा की सत्ता है। मुख्यमंत्री के रूप में मनोहर लाल पार्ट वन तथा पार्ट 2 सरकार चला कर दे तथा अब नायब सिंह सैनी हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं । ऐसी स्थिति में भी कांग्रेस जिस तरह गुटबाजी का शिकार है नहीं निसंदेह कांग्रेस का इस मामले में मजा भाजपा के नेताओं को लेने के लिए काफी मौके मिल रहे हैं। बीजेपी कभी भी कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर बयान देने से नहीं चूकती। जिस तरह की परिस्थितियों कांग्रेस के लिए हरियाणा में दिनभर दिन जटिल होती जा रही है उसे लगता है कि हरियाणा के अंदर कांग्रेस आने वाले दिनों में कहीं ना कहीं खुद को जनता तथा सत्ता दोनों से दूर कर रही है।

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