Edited By Isha, Updated: 12 Oct, 2024 03:38 PM
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद से कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर निशाना साध रही है। कांग्रेस ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए इसी बीच अब पोस्टल बैलेट ने भी एंट्री ले ली है। बीते गुरुवार (10 अक्टूबर) को कांग्रेस के
हरियणा डेस्कः हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद से कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग पर निशाना साध रही है। कांग्रेस ने ईवीएम पर भी सवाल उठाए इसी बीच अब पोस्टल बैलेट ने भी एंट्री ले ली है। बीते गुरुवार (10 अक्टूबर) को कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बंपर बहुमत मिला। इन दावों के बीच सोशल मीडिया पर एक आंकड़ा तेजी से वायरल होने लगा, जिसमें दावा किया जा रहा है कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बंपर सीटें मिली हैं।
क्या है पोस्टल बैलेट?
इसके नाम से ही स्पष्ट है कि पोस्टल बैलेट एक डाक मत पत्र होता है. ये 1980 के दशक में चलने वाले पेपर्स बैलेट पेपर की तरह ही होता है. चुनावों में इसका इस्तेमाल उन लोगों के द्वारा किया जाता है, जो कि अपनी नौकरी के कारण अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान नहीं कर पाते हैं. जब ये लोग पोस्टल बैलेट की मदद से वोट डालते हैं, इन्हें सर्विस वोटर्स या अबसेंट वोटर्स भी कहा जाता है।
इसके लिए चुनाव आयोग पहले ही चुनावी क्षेत्र में डाक मतदान करने वालों की संख्या को निर्धारित कर लेता है। इसलिए केवल उन्हीं लोगों को पोस्टल बैलेट भेजा जाता है. इसे इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) भी कहा जाता है. मतदाता द्वारा अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देकर इस पोस्टल बैलेट को डाक या इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वापस चुनाव आयोग भेज दिया जाता है।
ये फैल रही अफवाह
सोशल मीडिया के इन दावों का सच जानने जब हम चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पहुंचे तो हमें चौंकाने वाले आंकड़े मिले। वेबसाइट पर आंकड़े सोशल मीडिया के दावों की पुष्टि करते हैं, कि पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को बंपर बहुमत मिला, लेकिन फाइनल चुनाव परिणाम के मुताबिक हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 48, कांग्रेस को 37 और 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली हैं।