Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 11 Dec, 2025 01:24 PM

हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के चुनाव तहसीलदार रोहित सिहाग को तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। यह निर्णय चुनाव विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए, कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा द्वारा उनके सस्पेंशन ऑर्डर को मंजूरी...
गुड़गांव, (ब्यूरो): हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के चुनाव तहसीलदार रोहित सिहाग को तत्काल प्रभाव से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया है। यह निर्णय चुनाव विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर संज्ञान लेते हुए, कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा द्वारा उनके सस्पेंशन ऑर्डर को मंजूरी दिए जाने के बाद लिया गया है। तहसीलदार सिहाग को इसी वर्ष 13 नवंबर को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
गुरुग्राम की ताजा खबरों के लिए लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर टच करें।
इस पूरे मामले का खुलासा गुरुग्राम एसीबी ऑफिस में एक स्थानीय ट्रांसपोर्टर की शिकायत पर हुआ। ट्रांसपोर्टर ने अपनी शिकायत में बताया था कि वर्ष 2024 के विधानसभा चुनावों में उपायुक्त गुरुग्राम के निर्देश पर उनकी गाड़ियां चुनावी कार्यों में लगाई गई थी, जिसका भुगतान उन्हें सरकार द्वारा तय दर के अनुसार मिलना था। बिल भुगतान के लिए उपायुक्त कार्यालय द्वारा पुलिस आयुक्त कार्यालय को भेज दिए गए थे। हालांकि, पुलिस विभाग से इन बिलों की अदायगी करवाने के लिए ट्रांसपोर्टर को जिला चुनाव कार्यालय, गुरुग्राम से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करना अनिवार्य था। इसी जरूरी एनओसी को प्राप्त करने के लिए ट्रांसपोर्टर पिछले कई महीनों से तहसीलदार रोहित सिहाग के कार्यालय के चक्कर लगा रहा था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, भुगतान के लिए आवश्यक एनओसी जारी करने के बदले में तहसीलदार रोहित सिहाग और उसके एक सहायक ने शुरुआती दौर में 3.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। ट्रांसपोर्टर के बार-बार निवेदन करने और मिन्नतें करने के बाद, आरोपी तहसीलदार ने यह रकम घटाकर दो लाख रुपये करने की बात तय की। शिकायत की सत्यता की जांच करने के बाद एसीबी टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक गोपनीय ट्रैप बिछाया गया। 13 नवंबर तहसीलदार रोहित सिहाग को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
चुनाव विभाग से अधिकारी के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव मिलने के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बिना किसी देरी के सस्पेंशन को मंजूरी दे दी। इस त्वरित प्रशासनिक कदम से यह स्पष्ट संदेश गया है कि हरियाणा सरकार सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। रोहित सिहाग पर अब आगे विभागीय जांच के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी जारी रहेगी।