प्लॉट आवंटन मामला: ईडी ने AJL व मोती लाल वोहरा की 16.38 करोड़ की संपत्ति पर लगाई कुर्की

Edited By Shivam, Updated: 09 May, 2020 07:39 PM

ed attached attachment of ajl and moti lal vohra on assets worth 16 crores

हरियाणा के पंचकूला में बरसों पुराने व बहुचर्चित एजेएल प्लॉट आवंटन के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने एक बार सख्त कार्रवाई की है। ईडी ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवर्तित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और कांग्रेस पार्टी के नेता...

चंडीगढ़(धरणी/उमंग): हरियाणा के पंचकूला में बरसों पुराने व बहुचर्चित एजेएल प्लॉट आवंटन के मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने एक बार सख्त कार्रवाई की है। ईडी ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रवर्तित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और कांग्रेस पार्टी के नेता मोती लाल वोरा की 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है। एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में यह कार्रवाई की गई है। 

ईडी ने कहा कि कुर्क की गई संपत्ति मुंबई में 9 मंजिला इमारत है, इसमें दो बेसमेंट भी हैं और 15 हजार स्क्वायर मीटर में बना हुआ है। इसकी कुल कीमत 120 करोड़ रुपए है। इसमें से 16.38 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। इमारत बांद्रा ईस्ट में ईपीएफ ऑफिस, कला नगर के पास प्लॉट नंबर 2 और सर्वे नंबर 341 पर है। 
 

 

इस केस में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा मुख्य रूप से शामिल हैं। हरियाणा के पंचकूला में अवैध रूप से आवंटित भूमि पर दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित सिंडिकेट बैंक ब्रान्च से लोन लिया गया और इससे बांद्रा में यह इमारत खड़ी की गई।

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएल) के तहत प्रोविजनल अटैचमेंट आदेश एजेएल और मोती लाल वोरा के नाम जारी किया गया है। वोरा एजेएल के प्रबंधकीय निदेशक हैं। एजेएल, वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा नियंत्रित है, जिसमें गांधी परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। यह समूह नेशनल हेराल्ड अखबार चलाता है।

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अपराध के धन से अर्जित 16.38 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति जब्त की गई है। इससे पहले पपंचकूला के प्लॉट को भी ईडी ने अटैच किया था। हुड्डा और वोरा से पूछताछ भी की गई थी। पंजकूला के सेक्टर 6 में प्लॉट सी-17 को पहली बार 1982 में हरियाणा सरकार ने आवंटित किया था।

क्या है एजेएल 
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी। उस समय से यह अखबार कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता रहा। अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी 'एजेएल' के पास था। आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। वर्ष 2008 में 'एजेएल' के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ गया। 

कांग्रेस नेतृत्व ने 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया। नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे।

 

 

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