Edited By Yakeen Kumar, Updated: 01 Dec, 2025 05:25 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए साफ कर दिया है कि ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बाद भी कानूनन 30 दिन तक उसे वैध माना जाएगा।
चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए साफ कर दिया है कि ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता समाप्त होने के बाद भी कानूनन 30 दिन तक उसे वैध माना जाएगा। यह फैसला नेशनल इंश्योरेंस कंपनी की उस अपील को खारिज करते हुए दिया गया, जिसमें कंपनी ने दावा किया था कि दुर्घटना के समय वाहन चालक का लाइसेंस समाप्त हो चुका था, इसलिए उसे मुआवजा देने की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जानी चाहिए।
जस्टिस वीरेंद्र अग्रवाल की पीठ ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 14 में स्पष्ट प्रावधान है कि लाइसेंस की अवधि खत्म होने के बाद 30 दिनों की ग्रेस अवधि प्रदान की गई है। इस अवधि को कानूनी वैधता प्राप्त है और इस दौरान चालक को लाइसेंसधारी माना जाएगा।
2003 का है मामला
यह मामला वर्ष 2003 के उस आदेश से जुड़ा था जिसमें जींद की मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने पीड़ित पक्ष को मुआवजा प्रदान किया था। इंश्योरेंस कंपनी ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर तर्क दिया कि चालक का लाइसेंस 4 जून 2001 को समाप्त हो चुका था, जबकि दुर्घटना 4 जुलाई 2001 को हुई और नवीनीकरण 6 अगस्त 2001 को हुआ। कंपनी ने इसे पॉलिसी शर्तों का उल्लंघन बताते हुए मुआवजे से मुक्ति की मांग की।
चालक को लाइसेंसविहीन नहीं- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने तर्क देते हुए कहा कि 30 दिन की अवधि 5 जून 2001 से गिनी जाती है, जिसका अंतिम दिन 4 जुलाई 2001 पड़ता है, यही वह दिन है जब दुर्घटना हुई। इसलिए चालक को लाइसेंसविहीन नहीं माना जा सकता।
इंश्योरेंस कंपनी की अपील खारिज
अदालत ने ट्रिब्यूनल के 4 जनवरी 2003 के आदेश को बरकरार रखते हुए इंश्योरेंस कंपनी की अपील पूरी तरह खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि केवल लाइसेंस की औपचारिक समाप्ति दिखाकर कंपनियां अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं।
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