प्रभु भक्ति और नाम संकीर्तन ही कलियुग में पापों का प्रायश्चित का सबसे सुगम उपाय : डॉ. रमनीक कृष्ण महाराज

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Dec, 2024 01:49 PM

devotion to god and naam sankirtan is the easiest way to atone for sins

भगवान परशुराम भवन सेक्टर 12 ए पंचकुला में जागृत ब्राह्मण सभा के तत्वावधान में कराई जा रही श्रीमद्भगवत कथा के चतुर्थ दिवस में सद्भावना दूत भागवताचार्य डॉ. रमनीक कृष्ण जी महाराज...

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : भगवान परशुराम भवन सेक्टर 12 ए पंचकुला में जागृत ब्राह्मण सभा के तत्वावधान में कराई जा रही श्रीमद्भगवत कथा के चतुर्थ दिवस में सद्भावना दूत भागवताचार्य डॉ. रमनीक कृष्ण जी महाराज ने कर्मो की गतियों का वर्णन करते हुए बताया के इस जगत में जो मनुष्य मनसा, वाचा, कर्मणा अर्थात मन से वाणी से कर्म से अपराध करते हैं,  उनका प्रायश्चित नहीं कर पाते तब उन्हे यम यातनाओं को सहन करना ही पड़ता है। 

राजा परीक्षित ने गुरुदेव के चरणों में  प्रश्न किया हे गुरुदेव! मनुष्य किए हुए पापों का प्रायश्चित कैसे कर सकता है? श्री शुकदेव जी ने बताया के भगवान की भक्ति, भक्तों का सत्संग और नाम संकीर्तन ही कलियुग में सबसे सुगम उपाय है। जिसने मन वाणी से एक बार भी दिन में भगवान का स्मरण किया उनके चरण कमलों का ध्यान लगाया और उनके गुणों को  प्रेम से गदगद होकर गाया उनके समस्त पाप क्षय हो जायेंगे। किंतु यह भाव प्रधान है इसमें भावना ही सर्वोपरि है। 

इस प्रकार कलियुग में नाम संकीर्तन का ही आधार है जो मनुष्य नाम का आश्रय लेकर चलेगा वही इस भव रूपी सागर को पार कर पायेगा। आज कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म महोत्सव बड़े हर्ष के साथ मनाया गया। आज कथा में विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री संजय टंडन, मेघा भंडारी चेयरमैन हरियाणा वेलफेयर एसोसिएशन, दीपक शर्मा जिला अध्यक्ष पंचकुला, जय कौशिक पार्षद  पंचकुला, नरेंद्र लुबाना पार्षद स्केटडी, जिले राम शर्मा अध्यक्ष हरियाणा ब्रह्मण सभा, राजेंद्र कौशिक जी हरियाणा ब्रह्मण सभा एवं समस्त सभासद कथा में पधारे।

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