Edited By vinod kumar, Updated: 12 Feb, 2021 03:56 PM
राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कथनी और करनी में काफी अंतर रहा है। इस वर्ष पेश किया गया बजट भी उस कथनी और करनी के अंतर को चरितार्थ करता है। हुड्डा ने कहा कि आत्मनिर्भर...
नई दिल्ली (कमल कांसल): राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भाजपा सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि इस सरकार में कथनी और करनी में काफी अंतर रहा है। इस वर्ष पेश किया गया बजट भी उस कथनी और करनी के अंतर को चरितार्थ करता है। हुड्डा ने कहा कि आत्मनिर्भर की बात करने वालों ने स्किल डेवलपमेंट बजट कम करने का काम किया है। उम्मीद थी कि यह बजट किसानों को समर्पित होगा, लेकिन इस सरकार ने कृषि बजट को घटा दिया। यहीं नहीं इस सरकार ने सैनिकों की पेंशन का बजट, शिक्षा बजट और वैज्ञानिक अनुसंधान का बजट कम करने काम किया।
उन्होंने कहा कि कथनी और करनी का अंतर इस बजट तक सीमित नहीं है, बल्कि 7 साल का कार्यकाल इसका गवाह है। 70 साल में सबसे अधिक बेरोजगारी दर इस सरकार में रही, सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीजल महंगा हुआ तो वह भाजपा की सरकार में हुआ। यहीं नहीं इस सरकार में 70 साल में सबसे ज्यादा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लिया गया, यह पेट्रोलजीवी सरकार है।
इसके साथ उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर भी सरकार पर हमला बोला। दीपेंद्र ने कहा कि सरकार कह रही है कि इन कानूनों से मंडियां खत्म नहीं हुई यह सत्य है, लेकिन इन कानूनों से दो मंडियां एक निजी और एक सरकारी बनीं। उन्होंने कहा कि एक देश, एक विधान, एक संविधान, एक निशान और एक चुनाव की बात करने वाली सरकार ने किसानों के लिए दो मंडियां क्यों बनाई ?
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