Edited By Shivam, Updated: 07 Dec, 2020 08:10 PM
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि संबंधित तीन कानूनों को लेकर बेशक किसानों और सरकार के बीच अभी कोई सुलह नहीं हुई है और किसान भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की सीमाओं को घेरे हुए बैठे हैं लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों के...
चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि संबंधित तीन कानूनों को लेकर बेशक किसानों और सरकार के बीच अभी कोई सुलह नहीं हुई है और किसान भी अपनी मांगों को लेकर प्रदेश की सीमाओं को घेरे हुए बैठे हैं लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों के खातिर बेहद संजीदा हैं और उन्होंने मानीवय पहलू के दृष्टिग्त इन किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं पर फोकस किया है। उन्होंने किसानों को अन्य सुविधाओं के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं। विशेष बात ये है कि सरकार की ओर से किसानों को मूलभूत सुविधाओं विशेषकर सेहत और दैनिक क्रियाओं के लिए भी खासे प्रबंध किए गए हैं। स्वास्थ्य के दृष्टिगत जहां चिकित्सकों को तैनात किया गया है तो साफ सफाई व शौच और नहाने इत्यादि के लिए भी नगरपालिका, नगर परिषद व जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को तैनात किया हुआ है।
इसके अलावा रोशनी की व्यवस्था व आपातकाल स्थिति में एंबुलैंस सहित अन्य सुविधाएं भी प्रदान की हुई हैं। हालांकि किसानों के समर्थन में मुख्यमंत्री खट्टर ने पहले से ही यह साफ किया हुआ है कि प्रदेश में एम.एस.पी. बैगर उनकी उपज नहीं खरीदी जाएगी और यदि ऐसा हुआ तो वे राजनीति से इस्तीफा दे देंगे लेकिन केंद्र के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों को लेकर सी.एम. खट्टर की संजीदगी का प्रमाण इसी बात से मिलता है कि वे अधिकारियों से हर पल किसानों के बारे में फीडबैक लेते हुए उनकी सुविधाओं का पूरा ख्याल रखे हुए हैं।
ऐसे दिख रहा मुख्यमंत्री मनोहर का मानवीय पहलू
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब और हरियाणा के अलावा देशभर के अलग-अलग हिस्सों से किसान दिल्ली के साथ लगते सीमांत इलाकों में लगातार पड़ाव डाले हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार की पहल पर किसानों के साथ 5 दौर की वार्ताएं भी हो चुकी हैं लेकिन अभी तक तीन कृषि कानूनों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है लेकिन इसी बीच हरियाणा की मनोहर सरकार ने किसानों के आंदोलन के मानवीय पहलुओं को समझते हुए सीमांत इलाकों में किसानों के लिए स्वास्थ्य बिजली संबंधित संसाधन व सुविधाओं को लेकर एक नैतिक पहल की है।
इस कड़ी में हरियाणा की भाजपा सरकार की ओर से दिल्ली के साथ सटे हरियाणा के जिले झज्जर में कुल 330 और सोनीपत जिले में 346 अलग-अलग विभागों के अधिकारी व कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इस प्रकार इन दोनों जिलों से कुल 676 अधिकारी व कर्मचारी तैनात हैं। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संजीदगी दिखाते हुए सकारात्मक पहल की है।
सरकार की ओर से ये दी जा रही सुविधाएं
बीती 26 नवंबर से खासकर पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के साथ लगते सीमांत इलाके सिंघु बॉर्डर कुंडली बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की ओर से केंद्र सरकार द्वारा इसी साल सितंबर माह में तीन कृषि कानून लाए जाने के विरोध में यह आंदोलन किया जा रहा है। इन तीन कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताते हुए लगातार किसानों की जत्थेबंधिया आंदोलन कर रही हैं। किसानों के आंदोलन पर अडिग रहने के बावजूद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार ने संजीदा पहल की है और इसी कड़ी में किसानों की मदद करने के लिए दिल्ली के साथ लगते सोनीपत व झज्जर जिला में क्रमश: 346 व 330 अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती कर उन्हें हर प्रकार की मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इनमें हैल्थ, पब्लिक हैल्थ, नगर पालिका एवं नगर परिषद व रेडक्रॉस के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।