Edited By Isha, Updated: 07 Aug, 2024 11:23 AM
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर खेती किसानी तथा हरियाणा के कृषि विभाग को षडयंत्र के तहत ख़त्म करने का आरोप लगाया है।
पंचकूल(उमंग): भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर खेती किसानी तथा हरियाणा के कृषि विभाग को षडयंत्र के तहत ख़त्म करने का आरोप लगाया है।
उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार रेशनलाइजेशन कमीशन के माध्यम से, जिसका चेयरमैन एक रिटायर्ड आई ए एस अधिकारी राजन गुप्ता है, जिसे ना खेती की और न ही किसानी की समझ है, कृषि विभाग को बर्बाद करने पर तुले हुए है।
हरियाणा सरकार के इस कमीशन ने एक ऐसा खाका तैयार किया है, जिसके तहत कृषि विभाग का कोई भी तकनीकी अधिकारी, जोकि किसानों को खेतीबाड़ी से संबंधित तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवा सके, गांव और ब्लॉक स्तर पर सभी अधिकारियों को हटा दिया है। ताकि कालाबाज़ारी में कोई अड़चन ना आए I उन्होंने कहा कि किसान को अगर खेती से संबंधित कुछ भी जानकारी की जरूरत हो, तो उसको सब डिवीजन यानि संबंधित उपमंडल की तरफ़ भागना पड़े, जो उसकी पहुंच से बहुत दूर है और वह सभी सुविधाओं से वंचित रह जाए। यह सब किसानों के साथ एक मज़ाक है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को प्राइवेट कंपनियों के हवाले छोड़ दिया है, ताकि वह किसानों को खुले हाथों से लूट सकें और ज़्यादा दवाई डालने और खाद डालने का ठीकरा सिर्फ़ किसान के ऊपर फोड़ सके। उन्होंने कहा कि किसानों को जहां एक स्प्रे की ज़रूरत होती है, वहां जबरन डरा के कई कई स्प्रे करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आज बाजार मे उपलब्ध लगभग 60% कृषि मे उपयोग होने वाली दवाइयां नकली है। कृषि विभाग मे लगभग 80% तकनीकी अधिकारियों की पोस्ट खाली पड़ी है, जिसके प्रति सरकार का रवैया हमेशा से उदासीन रहा है।
तकनीकी अधिकारियों के गांव स्तर पर उपलब्ध न होने की वज़ह से किसान तकनीकी जानकारी के अभाव मे प्राइवेट दवा विक्रेताओं के मकड़जाल मे फंसकर अपने खेतों मे अनाधिकृत ज़हर का उपयोग कर रहा है, जिससे कि किसान की जमीन और जल दोनों ही प्रदुषित हो रहे है। इस कारण ज़मीन तेजी से बंजर हो रही है और पानी ज़हर बन गया है, जिससे देश की जनता की थाली मे भी अनजाने मे इस ज़हर को परोसा जा रहा है और जनता गंभीर बीमारियों से बेमौत मर रही है। जिसका ठीकरा सरकार अपनी नाकामी छुपाकर भोले भाले किसानों के सर फोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि हम हरियाणा सरकार को चेतावनी देते है कि तुरंत ही कृषि विभाग को ख़त्म करने की दमनकारी नीति को रद्द किया जाए और हमे गांव स्तर व खंड स्तर पर ही तकनीकी कृषि अधिकारी उपलब्ध करवाया जाए, जिससे हम अपनी खेती किसानी और आने वाली नस्लों को बचा सके। अन्यथा हम हरियाणा सरकार का विरोध करेंगे और जो भी कृषि अधिकारी इसके विरोध मे कल को अगर आंदोलन करते है, तो हम उनका हर तरीके से समर्थन करेंगे।