पराली में लगाई आग तो जुर्माने के साथ दर्ज होगा मुकदमा, जिलाधिकारी का फरमान

Edited By Saurabh Pal, Updated: 04 Oct, 2023 05:07 PM

case will be registered against those who set fire to stubble in yamunanagar

धान की कटाई के बाद किसान अपने खेतों में आग लग रहे हैं। जिसके चलते वातावरण दूषित हो रहा है। ऐसे  में जहां अब तक आग लगने  वाले किसानों से अढ़ाई हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जा रहा था। वहीं अब इनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए जाने...

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): धान की कटाई के बाद किसान अपने खेतों में आग लग रहे हैं। जिसके चलते वातावरण दूषित हो रहा है। ऐसे  में जहां अब तक आग लगने  वाले किसानों से अढ़ाई हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जा रहा था। वहीं अब इनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए जाने के आदेश दिए गए हैं। बीते दिनों यमुनानगर में 8 किसानों ने खेतों में आग लगाई थी। जिनके खिलाफ जुर्माने अलावा मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। 

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यमुनानगर में पराली जलाने की घटनाएं फिर से बढ़ने लगी हैं। जिले में फसल अवशेष जलाने के अभी तक 8 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें  किसानों ने धान की कटाई के बाद पराली जलाई थी। इन सभी से 2500 रुपए प्रति एकड़ का जुर्माना तो लिया ही गया। इसके अलावा जिला प्रशासन ने इन किसानों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उपकृषि निदेशक आत्माराम  गोदारा ने बताया कि यमुनानगर में आग लगाने के आठ मामले दर्ज किए गए हैं। इन किसानों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की गई थी, लेकिन अब जिला प्रशासन के आदेश पर इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अलग-अलग इलाकों में किसानों पर नजर रखने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

इसके अलावा उपमंडल अधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया है। वह अपने इलाके में इन कमेटी के कार्यों पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो बार-बार किसानों को जागरुक  किया जा रहा है, उन्हें समझाया जाता है, लेकिन इसके बावजूद जो नहीं मानते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

वहीं उप कृषि निदेशक आत्माराम ने बताया कि यमुनानगर के उपायुक्त ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर गांव में फ्लैग मार्च निकालने के आदेश दिए हैं, ताकि किसानों में आग लगाने की घटनाओं को लेकर डर पैदा हो। जिससे किसान पराली में आग लगाने से बचें। इसके साथ ही उपमंडल अधिकारी अमित गुलिया ने बताया कि पिछली बार यमुनानगर जिले में 155 जगह आग लगाने के मामले आए थे। इस बार अभी तक आठ मामले सामने आये  हैं। जिनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की गई है।

जिले में लगातार स्कूलों में, गांव स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि वह पराली ना जलाएं। इससे वातावरण दूषित होता है। लोगों में कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। भूमि की उपजाऊ शक्ति भी नष्ट हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद किसान पराली जला रहे हैं। जिससे अब सरकार ने सख्ती से निपटने का निर्णय लिया है। आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू की गई है।   

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