बस चालक से मारपीट कर छीनाझपटी का मामला, कोर्ट में जाकर बदल गया पूरा केस

Edited By Isha, Updated: 29 Sep, 2020 01:31 PM

case of snatching by beating bus driver entire case changed in court

अम्बाला-दिल्ली नैशनल हाईवे पर बीती 22 अगस्त को तड़के 3:30 बजे एक निजी बस चालक के साथ मारपीट कर छीनाझपटी के मामले को बेशक सी.आई.ए.-वन टीम ने सुलझा लिया है। लेकिन यह मामला अब कोर्ट में पहुंच गया है और सोमवार को एडिशनल सैशन जज संदीप सिंह की

अम्बाला शहर: अम्बाला-दिल्ली नैशनल हाईवे पर बीती 22 अगस्त को तड़के 3:30 बजे एक निजी बस चालक के साथ मारपीट कर छीनाझपटी के मामले को बेशक सी.आई.ए.-वन टीम ने सुलझा लिया है। लेकिन यह मामला अब कोर्ट में पहुंच गया है और सोमवार को एडिशनल सैशन जज संदीप सिंह की कोर्ट में मामले को लेकर सुनवाई हुई। जांच टीम ने इस मामले में पकड़े किए गए को हर्ष उर्फ हिमांशु और सतीश उर्फ छोटू की निशानदेही पर सत्यम निवासी आहलुवालिया बिल्डिंग को भी गिरफ्तार कर लिया। जांच टीम ने सत्यम को ही इस घटना का साजिशकत्र्ता बताया और रिमांड में उससे 9 हजार रुपए की रिकवरी भी दिखाई। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान घटना के समय सत्यम की घर में मौजूद होने की फुटेज दिखाई और दलील दी कि सत्यम को कैसे पता था कि सुबह 3:30 बजे हाईवे पर बस  खराब होगी और उसके ड्राइवर से रुपए छीनने की वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। हालांकि जांच टीम ने दलील दी कि आरोपी पर पहले भी आम्र्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं। लेकिन इस घटना की साजिश करने का कोई सुबूत नहीं दिखा सकी। दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सत्यम को रैगुलर जमानत दे दी।

पुलिस को दिए बयानों में शिकायतकर्ता हरि सिंह निवासी हिमाचल प्रदेश ने बताया कि वह दिल्ली की एक निजी बस पर चालक है और बीती 22 अगस्त की रात को वह 10 बजे सवारियां लेकर लुधियाना के लिए चला था। जब वह तड़के 3:30 बजे अम्बाला पहुंचा था बस का एक टायर पैंचर हो गया। वह टायर बदल रहा था कि एक युवक आया और उससे पूछने लग गया कि कहां जाना है। इसके बाद युवक ने फोन करके अपने 2-3 साथियों को वहां बुलाकर उसके साथ मारपीट की और उसका पर्स भी छीन लिया जिसमें करीब 80 हजार रुपए थे। युवकों ने बस का शीशा भी तोड़ दिया और सवारियों को भी डरा धमकाकर वहां से भाग गए। इसके बाद पुलिस वहां आई और उसे अस्पताल में दाखिल कर लिया। पुलिस ने बस चालक के बयानों पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ छीनाझपटी का मामला दर्ज कर लिया।

मामले की जांच का जिम्मा सीआइए-वन टीम को सौंपा गया। इसके बाद जांच अधिकारी ने सबसे पहले मामले में हर्ष कुमार निवासी शिवपुरी कालोनी और सतीश निवासी रामकिशन कालोनी को गिरफ्तार किया। इनकी निशानदेही पर ही जांच टीम ने सत्यम को पकड़ा जिसके बाद उसका पिता सी.आई.ए. में पहुंचा और घटना के समय की घर में लगे सी.सी.टी.वी कैमरों की फुटेज दिखाई। लेकिन इसके बाद जांच टीम ने सत्यम को इस मामले का साजिशकर्ता  बताते हुए दर्ज किए गए मामले में 120-बी धारा भी जोड़ दी। मामले में जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की गई जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता तरूण दत्ता और सुखप्रीत सिंह सरो ने कोर्ट को बताया कि सी.आई.ए. ने जानबूझकर सत्यम को इस मामले में फंसाया है। क्योंकि पहले सत्यम को घटना में शामिल होना बताया लेकिन सी.सी.टी.वी. फुटेज होने के कारण अब उसे साजिशकर्ता के तौर पर फंसा दिया है। हालांकि एडिशनल सैशन जज संदीप सिंह की कोर्ट ने आरोपी सत्यम के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं होने पर उसे जमानत पर छोड़ दिया।

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