Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Feb, 2025 05:52 PM

कोविड में कर्जवान होने पर 1.41 करोड़ की बीमा राशि हड़पने के लिए डाटा निवासी राममेहर उर्फ रमलू की गला घोंटकर हत्या करके गाड़ी सहित शव जलाने के मामले में सुनवाई करते हुए...
हिसार : कोविड में कर्जवान होने पर 1.41 करोड़ की बीमा राशि हड़पने के लिए हिसार जिले के डाटा निवासी राममेहर उर्फ रमलू की गला घोंटकर हत्या करके गाड़ी सहित शव जलाने के मामले में सुनवाई करते हुए एडीजे गगनदीप की अदालत ने व्यापारी राममेहर व उसकी 2 महिला मित्र हांसी की सुनीता व रानी को दोषी करार दिया है। इस मामले में संदेह के लाभ में मां व बेटा को बरी कर दिया। इन तीनों दोषियों की सजा पर 27 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा।
अधिवक्ता खोवाल ने बताया कि दोषी राममेहर को शव जलाने, सबूत मिटाने, धोखाधड़ी करने को दोषी पाया गया है। जबकि महिला वर्कर सुनीता व रानी को अपराध जानते हुए भी छुपाने में दोषी ठहराया है। हांसी में 6 अक्टूबर, 2020 को व्यापारी ने खुद की जगह राममेहर उर्फ रमलू को परिचालक सीट पर बैठाकर मारकर जला दिया था।
उसकी महिला मित्र ने दिया था आइडिया
दोषी राममेहर ने कबूला था कि वह कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान परेशान था। इस कारोबार के लिए 80-90 लाख रुपए अपने चचेरे भाई से लिए थे। 35 लाख रुपए एक अन्य से लेकर 33 लाख का किसान क्रेडिट बनवाया था। फैक्ट्री पर भी 48 लाख रुपए का लोन था। काम बंद होने के कारण डिप्रेशन में रहने लगा था और मरने की सोच रहा था। तब सुनीता व रानी से दोस्ती हुई थी। दोनों को राममेहर करीब 20 साल से जानता था।
महिला मित्र ने कहा था मरना मत
राममेहर ने कबूलनामा में बताया कि वे मेरे खेत में मेरी फैक्ट्री में उन्होंने काम कर चुकी थी। डिप्रेशन के समय फोन पर बातचीत करते हुए सुनीता ने कहा था कि आप मरना मत। कंही से कोविड से मरने वालों की बॉडी खरीद लो। उसको जलाकर अपने जलने की योजना अंजाम देकर दूर भाग जाना। मैं भी तेरे पास आ जाऊंगी।
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