Edited By Yakeen Kumar, Updated: 16 Jan, 2025 09:32 PM
बीजेपी ने हरियाणवी युवाओं को बेरोजगारी, अपराध, नशे और डोंकी के रास्ते पर धकेल दिया है। बाकी बचे हाईली क्वालिफाईड युवाओं को इस सरकार ने चपरासी व चौकीदार बनने की लाइन में लगा रखा है।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी ) : बीजेपी ने हरियाणवी युवाओं को बेरोजगारी, अपराध, नशे और डोंकी के रास्ते पर धकेल दिया है। बाकी बचे हाईली क्वालिफाईड युवाओं को इस सरकार ने चपरासी व चौकीदार बनने की लाइन में लगा रखा है। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने कहा कि सिरसा कोर्ट में चपरासी और चौकीदार के कुल 13 पदों के लिए 5,700 युवाओं ने किया आवेदन है।
हुड्डा ने कहा, हैरानी की बात है कि 8वीं पास योग्यता वाली इस भर्ती के लिए बीए, बीटेक, बीकॉम, बी फार्मेसी, बीसीए, एमए, एमबीए, एमएससी, एमकॉम, एमसीए और एमफिल तक की डिग्री वाले युवाओं ने आवेदन किया है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि हरियाणा में बेरोजगारी कितना भयानक रूप ले चुकी है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा को देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला राज्य बनाया था। लेकिन बीजेपी ने इसे बेरोजगारी में नंबर वन राज्य बना दिया है। बेरोजगारी के चलते मजबूरी में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, एमफिल, पीएचडी क्वालिफाइड युवा निजी कंपनियों, कोर्ट और कौशल रोजगार निगम में सफाई कर्मी, चपड़ासी व चौकीदार जैसी कच्ची नौकरी भी करने को तैयार हैं। कौशल निगम में स्वीपर के लिए निकले पदों पर 39,990 ग्रेजुएट और 6112 पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं ने आवेदन किया था। 1,17,144 बारहवीं पास युवा भी इस कच्ची नौकरी को करने की इच्छा रखते हैं। कुल मिलाकर 3.95 लाख युवा स्वीपर की नौकरी के लिए कतार में खड़े हुए।
इससे पहले पानीपत कोर्ट में चपड़ासी के 6 पदों की भर्ती में भी यही हाल देखने को मिला था। लेकिन उसके लिए अप्लाई करने वाले 10 हजार युवा थे, जिनमें बीए, एमए, एमफिल,पीएचडी, बीटेक और एमटेक पास युवा शामिल थे। एचएसएससी द्वारा निकाली गई ग्रुप-डी की 18 हजार भर्तियों के लिए 18 लाख बेरोजगार युवाओं ने अप्लाई किया था और कलर्क के 6 हजार पदों के लिए 25 लाख युवाओं ने अप्लाई किया था।
सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) से लेकर सरकारी संस्था एनएसएसओ के आंकड़े खुद इसकी तस्दीक करते हैं कि हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन है। हुड्डा ने कहा कि आज हरियाणा के युवा रोजी-रोटी की तलाश में या तो प्रदेश छोड़ रहे हैं या देश ही छोड़कर बाहर जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के समय नौकरियों की तैयारियों के लिए हरेक गली-मोहल्ले में कोचिंग सेंटर खुलते थे, लेकिन आज गली-गली में इमिग्रेशन वालों के ऑफिस खुल रहे हैं। बेरोजगारी के चलते प्रदेश में नशा और अपराध भी बेकाबू हो गया है। बेरोजगार युवा नशे व अपराध के दलदल में फंसते जा रहे हैं और बीजेपी सरकार, हरियाणा की बर्बादी के मंजर को मूक दर्शक बनी देख रही है।