Edited By Isha, Updated: 05 Feb, 2025 10:48 AM
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच यमुना नदी का दूषित पानी एक बड़ा मुद्दा बन गया है। दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर यमुना को प्रदूषित करने का आरोप लगाया था, लेकिन हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
हरियाणा डेस्क : दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच यमुना नदी का दूषित पानी एक बड़ा मुद्दा बन गया है। दिल्ली सरकार ने हरियाणा पर यमुना को प्रदूषित करने का आरोप लगाया था, लेकिन हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट ने सच्चाई उजागर कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित 113 फैक्ट्रियां यमुना में गंदा और प्रदूषित पानी छोड़ रही हैं। इस खुलासे के बाद इन सभी फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किया गया है।
एक शिकायत के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा गठित टीम ने यमुना में प्रदूषण की जांच की। जांच में यह पाया गया कि ड्रेनेज नंबर-6 का पानी यमुना में गिरने से पहले ही दूषित हो चुका थाअगस्त 2023 में वरुण गुलाटी नामक व्यक्ति ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) की संयुक्त टीम ने फैक्ट्रियों से निकलने वाले पानी के नमूने एकत्र किए। जांच में सामने आया कि कई फैक्ट्रियों का अपशिष्ट जल निर्धारित प्रदूषण मानकों को पूरा नहीं कर रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि कई फैक्ट्रियां ट्रीटमेंट प्लांट का उपयोग सही ढंग से नहीं कर रही थीं।
हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) द्वारा स्थापित दो बड़े ट्रीटमेंट प्लांट भी जांच में फेल पाए गए। इन पर 2 करोड़ 52 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने कुल 113 फैक्ट्रियों को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यमुना न दी को प्रदूषित करने में स्थानीय फैक्ट्रियों की बड़ी भूमिका है। अब प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रहा है, ताकि यमुना को साफ और स्वच्छ बनाया जा सके।