Edited By Saurabh Pal, Updated: 20 Nov, 2023 08:31 PM

दूध दही के खान पान वाला हरियाणा सदा अपनी ताकत और बहादुरी से विश्व स्तर पर प्रसिद्धि पाता रहा है। हरियाणा के युवाओं ने सदा अपने बाजूओं के दम से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े बॉक्सरों- पहलवानों और कबड्डी खिलाड़ियों को पछाड़ने का काम किया...
चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): दूध दही के खान पान वाला हरियाणा सदा अपनी ताकत और बहादुरी से विश्व स्तर पर प्रसिद्धि पाता रहा है। हरियाणा के युवाओं ने सदा अपने बाजूओं के दम से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े बॉक्सरों- पहलवानों और कबड्डी खिलाड़ियों को पछाड़ने का काम किया है। लंबे समय से तो हरियाणा भारत के सभी अन्य प्रदेशों के अकेले बराबर मेडल लाने वाला प्रदेश रहा है।
खिलाड़ियों के हौसले अफजाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई योजनाएं इस सफलता को और अधिक सुदृढ़ करती रही है। हरियाणा की बेटियां भी लगातार हरियाणा के यश-कीर्ति और सम्मान को लगातार ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करती रही है। इसी प्रकार भिवानी जिले की बेटी प्रिया ने कजाकिस्तान में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। यूथ वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में इस बेटी ने गोल्ड मेडल जीतकर हरियाणा का सीना चौड़ा किया है। बेहद साधारण परिवार की बेटी ने कजाकिस्तान की बेस्ट प्लेयर को धराशाही करते हुए इस उपलब्धि को हासिल किया है।
प्रिया मूल रूप से गांव धनाना की बेटी प्रिया हाल में भिवानी के डाबर कॉलोनी में रह रही हैं जो कि भोपाल में हुई यूथ वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर बेस्ट बॉक्सर का भी खिताब हासिल कर चुकी हैं। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा प्रिया के पिता महेंद्र सिंह एक छोटा-मोटा निजी कार्य करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। कठिन परिश्रम और बेहद लगन वाली प्रिया मात्र तीन-चार साल की कड़ी प्रैक्टिस के बाद इस मुकाम को हासिल करने वाली बेस्ट प्लेयर हैं।
दो बहनों और एक भाई में प्रिया सबसे बड़ी है। कजाकिस्तान में हुई इस फाइट में 57 किलोग्राम के वेट में प्रिया ने इतनी हार्ड हीटिंग की थी जिसे देखकर दर्शन अचंभित रह गए थे। प्रिया की मुक्केबाजी का जलवा देख उनके कोच भी बेहद हैरान रह गए थे। प्रिया की उपलब्धि पर हरियाणा घनघस खाप के प्रधान एडवोकेट जगदीप घनघस ने अपने दर्जनों साथियों के साथ पानीपत से भिवानी प्रिया के घर पहुंच उसे आशीर्वाद दिया और उसका आर्थिक सहयोग भी किया। जगदीप घनघस ने बताया कि वह हाल में बेशक पानीपत के गांव मांडी में रह रहे हैं, लेकिन गांव धनाना उनका पैतृक गांव है जहां से प्रिया संबंध रखती हैं। उनके विरासत के परिवार की बेटी प्रिया द्वारा गोल्ड मेडल जीतने से न केवल गांव धनाना के लोगों में खुशी है, बल्कि मांडी के लोगों में भी प्रिया की जीत के बाद से खुशी के लहर दौड़ पड़ी थी।
घनघस ने कहा कि आमतौर पर तुच्छ सोच के कारण समाज में कुछ लोग बेटियों को आगे नहीं आने देते। जबकि बेटियां आज बेटों से कम नहीं है बल्कि कहीं आगे हैं। बेटियां बेटों से कहीं अधिक जिम्मेदारियां उठाती हैं। माता-पिता के प्रति अधिक भावुक बेटियां दो परिवारों की जहां जिम्मेदारी उठाती हैं वहीं हर मौके पर आज बेटियों ने अपनी दक्षता- क्षमता और ताकत को प्रदर्शित और साबित किया है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि प्रिया ने उनके समाज- प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है और हमेशा इंतजार रहेगा कि जब भी प्रिया जैसी बेटियां इस प्रकार से देश के लिए गौरव बनेगी, हमेशा वह- उनके साथी- उनकी खाप और उनका समाज बेटियों के लिए समर्पित रहेगा। एडवोकेट जगदीप घनघस के पहुंचने पर प्रिया के परिजनों में भी काफी खुशी देखी गई। अभिभावकों ने भी एडवोकेट जगदीप घनघस का दिल खोलकर स्वागत किया।
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