हरियाणा के छोरे की मेहनत को सलाम! 7 बार विफल होने के बाद 8वें प्रयास में मिली सफलता, बना सेना में लेफ्टिनेंट

Edited By Isha, Updated: 30 Oct, 2024 07:38 PM

bhiwani boy lieutenant army after failing 7 times got success 8th attempt

कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है गांव गुजरानी निवासी सुंदर सिंह के पुत्र सौरव कसाना ने। सौरव ने अपनी लगातार सात बार की विफलता के बाद भी भारतीय नौसेना में भर्ती होने की उम्मीद...

भिवानी: कौन कहता है आसमां में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों, इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है गांव गुजरानी निवासी सुंदर सिंह के पुत्र सौरव कसाना ने। सौरव ने अपनी लगातार सात बार की विफलता के बाद भी भारतीय नौसेना में भर्ती होने की उम्मीद नहीं छोड़ी। सौरव ने अपने 8वें प्रयास में नौसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती होकर देश की सेवा करने की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए है। सौरव के लेफ्टिनेंट बनने पर गांव गुजरानी में खुशी का माहौल है।

हमारा अपना फाउंडेशन के सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष महेश चौहान ने बताया कि सौरव कसाना मेहनत एवं ढृढ़ निश्चय की एक मिसाल अन्य युवाओं के लिए बने है।   उन्होंने बताया कि  सौरव के पिता सुंदर सिंह भारतीय जलसेन से पेटी अफसर के पद से सेवानिवृत्त है और फिलहाल जिला सैनिक व अर्ध सैनिक कल्याण ऑफिस भिवानी में वेलफेयर ऑफिसर के पद पर तैनात है। सौरव के दादा रामेश्वर कसाना भी भारतीय सेना में रहते हुए देश की सेवा कर चुके हैं। महेश ने बताया कि सौरव का बचपन से ही सपना था कि वह भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा करें, जिसका सपना अब पूरा हुआ है, जिसकी उन्हें बेहद खुशी है।

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