Edited By Shivam, Updated: 07 Nov, 2020 07:56 PM
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय व राज्य मंत्रियों पर दिल्ली एनसीआर की जहरीली हवा को लेकर निशाना साधा है।
गुरूग्राम (गौरव तिवारी): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय व राज्य मंत्रियों पर दिल्ली एनसीआर की जहरीली हवा को लेकर निशाना साधा है।
राव का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम मनोहरलाल खट्टर ने लोगों से वादा किया था कि इस प्रदूषण की समस्या का समाधान निश्चित ही किया जाएगा। जो कि साफ तौर पर हरियाणा सरकार ने नहीं किया।
राव ने कहा कि इससे पहली भी सीएम खट्टर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से 2018 में इसी मुद्दे पर बात करने गए थे और तब भी उन्होंने यही कहा था कि हरियाणा सरकार इसपर काम कर रही है। जहाँ पराली पर सीएम खट्टर ने यह कहा था कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की घटनाएँ कम करने के लिए तमाम सब्सिडियाँ शुरू की हैं और साथ ही इसके उठान के लिए भी प्लान बनाए हैं। जिसके बाद 2018 और 2019 में कोई बदलाव नहीं था। दोनों ही साल हवा का 31 दिन का औसत ‘बहुत खऱाब’ ही रहा।
राव ने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने इस प्रदूषण व स्मॉग के मुद्दे को भी अपने झूठे वादों की लिस्ट में जोड़ लिया है। जो कि दिल्ली और आस पास के इलाक़ों में दिख रहा है। राव ने बात जोड़ते हुए कहा कि यह प्रतीत हो रहा है कि हरियाणा सरकार ने दिल्ली से जुड़े शहर, जैसे कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत को ऊपर वाले के भरोसे छोड़ दिया है। इतना ही नहीं राव ने कहा की उन्हें यकीन है कि इस साल भी सरकार यही बात करेगी और बदक़िस्मती से अगले साल भी स्मॉग की यही हालत होगी।
राव का यह भी कहना था कि एक तो पहले से ही लोग कोरोना की मार झेल रहे हैं और सरकार की प्रदूषण के प्रति खराब नीतियों के चलते अब जहरीली हवा में साँस भी लेनी पड़ रही है। इसका समाधान देते हुए राव ने कहा की पराली ना जलाने के विकल्प किसानों के लिए महंगे हैं और इसीलिए सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए। वहीं हरियाणा का ज्यादातर पब्लिक ट्रांसपोर्ट आज भी डीजल पर चल रहा है और उन्हें भी सीएनजी पर चलाए जाने की आवश्यकता है।