आसाम के राज्यपाल जगदीश मुखी से हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता ने की मुलाकात

Edited By Isha, Updated: 13 Apr, 2022 08:57 AM

assam governor jagdish mukhi from haryana assembly speaker

8वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन के दौरान गुवाहाटी मे हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता व अन्य गण मान्य व्यक्तियों के साथ सम्मेलन में हिस्सा लिया जा रहा है।आसाम के राज्यपाल जगदीश मुखी से  हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष...

चंडीगढ़(चन्द्रशेखर धरणी): 8वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र सम्मेलन के दौरान गुवाहाटी मे हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता व अन्य गण मान्य व्यक्तियों के साथ सम्मेलन में हिस्सा लिया जा रहा है।आसाम के राज्यपाल जगदीश मुखी से  हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द  गुप्ता ने मुलाकात की।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने  कहा कि विधायिका की मूल जिम्मेदारी लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करना है, ऐसे में यह जरूरी है कि समाज के आकांक्षी वर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गहन चर्चा के बाद कानून बनाए जाएं। बिरला ने सुझाव दिया कि जन प्रतिनिधियों को प्रश्नकाल के दौरान छोटे-मोटे राजनीतिक मुद्दे उठाने की बजाए समाज के आकांक्षी वर्गों की भावनाओं को आवाज देनी चाहिए और उनके कल्याण के मुद्दों पर विधायिकाओं के पटल पर बहस करनी चाहिए। गुवाहाटी में 8वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (भारत क्षेत्र) सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बिरला ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में युवाओं और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया ।

 हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि  ‘‘ पंचायत से लेकर संसद तक लोकतांत्रिक संस्थाओं को युवाओं और महिलाओं को नीति निर्माण के केंद्र में रखना चाहिए। यह कार्यपालिका की अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करेगा । युवाओं की ऊर्जा, क्षमता, आत्मविश्वास, तकनीकी ज्ञान और नवाचार कौशल से लोकतंत्र मजबूत होगा और इसीलिए प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए युवाओं के विचारों और विज़न का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायिका की मूल जिम्मेदारी लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करना है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि समाज के आकांक्षी वर्गों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गहन चर्चा के बाद कानून बनाए जाएं।उन्हेंने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों को लेकर प्रधानमंत्री के विचारों का भी उल्लेख किया । भारतीय लोकतंत्र अन्य लोकतांत्रिक देशों के लिए एक मार्गदर्शक है और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) दुनिया में लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है

भारतीय लोकतंत्र अन्य लोकतांत्रिक देशों के लिए एक मार्गदर्शक है और राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) दुनिया में लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहा है। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य भारतीय जीवन शैली के अभिन्न अंग हैं तथा आधुनिक लोकतंत्र में जनता अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से बहुत उम्मीद करती है।

 

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