अनिल विज बोले- मुझे अंधेरे में रखा गया, जब बदलाव का इतना बड़ा निर्णय लिया गया, इसका मतलब मुझ पर विश्वास नहीं है

Edited By Manisha rana, Updated: 08 Apr, 2024 11:00 AM

anil vij said i was kept in the dark

हरियाणा के पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पावर पोस्ट में नहीं होती आदमी में होती है। इस पोस्ट पर बैठने वाले दूसरे आदमियों की स्थिति क्या है।मुझे अंधेरे में रखा गया, जब बदलाव का इतना बड़ा निर्णय लिया गया,इसका मतलब मेरे पर विश्वास...

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा के पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पावर पोस्ट में नहीं होती आदमी में होती है। इस पोस्ट पर बैठने वाले दूसरे आदमियों की स्थिति क्या है।मुझे अंधेरे में रखा गया, जब बदलाव का इतना बड़ा निर्णय लिया गया,इसका मतलब मेरे पर विश्वास नहीं है। लोकसभा के बाद तुरंत विधानसभा चुनावों पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा हर चुनाव के लिए सदा तैयार रहती है। हमारे कार्यकर्ता कभी भी बैरकों में नहीं जाते, हमेशा फील्ड में रहते हैं।

पूरा साल गतिविधियों में शामिल हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत है। जिस प्रकार से पूरा साल ना पढ़ने वाले छात्र को पेपर के दिनों में दिन-रात पढ़ना पड़ता है, ऐसा ही हाल अन्य पार्टियों का है। जबकि पूरा साल पढ़ने वाले छात्र को पेपर के दिनों मे भी एक्स्ट्रा नहीं पढ़ना पड़ता, इस हिसाब से ही हमारे कार्यकर्ता पूरा वर्ष लगातार मेहनत करते हैं। हमारा पूरा सिस्टम बना हुआ है। इसलिए चुनावों को लेकर हमें कोई एक्स्ट्रा तैयारी की जरूरत नहीं है। हम बहुत आसानी से सभी चुनावों को जीतेंगे। उन्होंने नरेंद्र मोदी की तारीफ में कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर मौके पर साबित किया है कि वह जो कहते हैं, वह करते हैं। आज तक उनके द्वारा जो- जो काम कहे गए या घोषणाएं हुई हैं, वह धरातल पर जनता के सामने है। अनिल विज से पंजाब केसरी प्रतिनिधि चन्द्र शेखर धरणी की एक्सक्लुसिव बातचीत-

प्रश्न : 12 मार्च को तक आप हरियाणा के एक पावरफुल मंत्री थे। अब अचानक आप मंत्री नहीं रहे। आप क्या अंतर महसूस करते हैं। दिनचर्या में क्या फर्क आया।
उत्तर : पावर पोस्ट में नहीं होती आदमी में होती है। इस पोस्ट पर बैठने वाले दूसरे आदमियों की स्थिति क्या है। क्या वह ठीक से काम कर रहे हैं। ये बातें जरूरी होती हैं। मेरी कार्यशाली और दिनचर्या में कोई अंतर नहीं आया है। पहले हरियाणा की जनता के लिए काम करता था। अब अंबाला छावनी के लोगों के लिए काम करूंगा। मंत्री रहते रात दो बजे तक काम करता था। लोगों की समस्याएं सुनी। उनके समाधान किया। अब कार्य क्षेत्र बदल गया है। अंबाला छावनी का विधायक होने के नाते यही के काम कर रहा हूं। यही के लोगों ने मुझे छह बार विधायक बनाया है और इन्हीं के लिए काम करता रहूंगा।

प्रश्न : साढ़े 9 साल हरियाणा सरकार में मंत्री रहे। कोठी नहीं ली। हर रोज चंडीगढ़ आना-जाना करते थे। दोपहर तक लोगों की समस्याएं सुनते थे।
उत्तर : बदलाव होते रहते हैं पहले हर रोज चंडीगढ़ आना-जाना होता था। पहले 12:00 तक लोगों की शिकायत सुनता। फिर चंडीगढ़ में जाकर स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय का काम देखता  उनके रोजमर्रा के काम करता। फाइलें निकलता, मीटिंग लेता।अब मैं एक विधायक हूं 15 फ़ीसदी ही मंत्री बनते हैं। बाकी विधायक होते हैं । कुछ विधायक विधानसभा कमेटी के सदस्य भी होते हैं। विधानसभा स्पीकर ने मुझे दो कमेटियों का अध्यक्ष बनाया है। सोमवार और बुधवार को चंडीगढ़ में बैठके किया करूंगा।

प्रश्न : 12 मार्च को हरियाणा में मुख्यमंत्री बदल दिया गया इसके क्या कारण थे।
उत्तर : मुझे कुछ नहीं पता था। मुझे कुछ बताया गया। सीएम बदलने की मुझे कोई जानकारी नहीं थी। मैं 6 बार का सबसे सीनियर विधायक होने के बावजूद भी मुझे नहीं बताया गया। जबकि बाकी आधी बार के विधायक भी नहीं है। शायद बाकियों को बदलाव के बारे में पता हो। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को तो पक्का पता होगा। मैं मुख्यमंत्री के साथ कार में बैठकर राज भवन इस्तीफा देने गया था। तब भी उन्होंने मुझे नहीं बताया। मुझे नहीं पता किसने क्या कहा, क्या हुआ, क्या आवश्यकता थी, किसने बदलाव तय किया।

प्रश्न : पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफा देने के बाद विधायक दल की बैठक हुई थी। लेकिन आप बैठक से गुस्से में बाहर निकल गए। अंदर क्या हुआ था।
उत्तर : मैं कोई गुस्से में नहीं था। बैठक में कुछ भी नहीं हुआ। बिल्कुल आराम से बाहर आया था। मैंने कहा था कि जब मुझे बदलाव की जानकारी नहीं दी गई, जब आप मुझ पर भरोसा नहीं करते तो आपके साथ काम करना आसान नहीं होगा। तब मैं यह कह कर बाहर आ गया था। इसके बाद कि मैंने कैबिनेट में शामिल नहीं होना, यह कहकर मैं आ गया था। मीडिया को कोई जानकारी नहीं देनी थी पार्टी की बात थी मैंने खुद मंत्री बनने से इनकार किया था।

प्रश्न : मुख्यमंत्री नायब सैनी के शपथ लेने के समय आप अंबाला में आ गए थे आपने गोलगप्पे का है छोटे बच्चों को खिलाया तब चर्चा थी कि आपको कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
उत्तर : मुझे किसी ने कुछ नहीं बताया। मुझे अंधेरे में रखा गया। जब बदलाव का इतना बड़ा निर्णय लेते समय मुझे कुछ नहीं बताया गया। इसका मतलब मेरे पर विश्वास नहीं है। जब विश्वास नहीं तो साथ काम करना मुश्किल होता है।

प्रश्न : जब किसी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो उसको बताया जाता है ।ताकि उसके परिवार वाले और कार्यकर्ता शामिल हो सकें। क्या आपके पास कोई सूचना थी।
उत्तर : मुझे कोई सूचना नहीं दी गई।

प्रश्न : नायब सैनी के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि  अनिल विज उनके पुराने मित्र हैं। 1990 का चुनाव जीतने में मदद की थी।
उत्तर : पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल मेरे पुराने मित्र हैं। 1990 का चुनाव बहुत जबरदस्त था। मुझे पूर्व मुख्यमंत्री के आने या नहीं आने की कोई जानकारी नहीं है। 1990 का चुनाव के वक्त ग्रीन ब्रिगेड सक्रिय था, कुछ दिन पहले महम कांड भी हुआ था। बीजेपी के सामने बड़ी चुनौतियां थी। सुषमा स्वराज राज्यसभा चली गई थी, जिसके चलते उपचुनाव हुआ था। मैं तो तब बैंक में काम करता था और बाकी समय पार्टी का भी काम करता था। 1987 में अंबाला छावनी से सुषमा स्वराज के का चुनावी प्रभारी भी था।मैंने कभी भी चुनाव लड़ने की बात नहीं सोची थी। हाई कमान ने कई बार मुझे चुनाव लड़ने को कहा मैंने तब भी इंकार कर दिया। मुझे जब चुनाव लड़ने के लिए कहते तो मैं दूसरों के नाम बता देता था।  मुझे 1990 में संघ के प्रांत चालक प्रेम कुमार जैन ने चुनाव लड़ने के लिए कहा था। मैं संघ के आदेशों को ठुकरा नहीं पाया और अगले दिन ही इस्तीफा देकर नामांकन किया  चुनाव लड़ा। तब चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और भजनलाल ने भी बूथ स्तर पर प्रचार किया था।

प्रश्न : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले हुए निर्मित से मिलेंगे और उन्हें मनाएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री अंबाला में आए रोड शो किया और बिना मिले ही चले गए।
उत्तर : मेरे पास इसकी कोई सूचना नहीं है।

प्रश्न : पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ आपके खट्टे मीठे रिश्ते रहे हैं। एक बार अपने स्वास्थ्य विभाग का काम भी छोड़ दिया गया था। क्योंकि आपको लगता था कि मुख्यमंत्री ऑफिस इसमें हस्तक्षेप कर रहा है।
उत्तर : मैं अपना काम ईमानदारी से करता हूं। युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी रहा हूं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की कश्मीर केसरी यात्रा में हरियाणा प्रभारी था। सभी इंतजाम मैंने किए हैं।मुझे जो काम दिया जाता है मैं उसे 100 % क्षमता के साथ करता हूं। मेरे काम में मुझे कोई सुझाव दे तो मैं उनके आधार पर बदलाव कर सकता हूं। लेकिन हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होता।पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ अच्छे संबंध है, थे और आगे भी रहेंगे। लेकिन कुछ मुद्दों पर बात करना मेरे स्वभाव में है। मैं वह बात कह देता हूं जो मेरे स्वभाव में है और मुझे लगती है।

प्रश्न : मंत्री मंडल में आप क्यों नही?
उत्तर : मैंने खुद कहा था कि मैं नायब मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होना चाहता। उन्होंने किसी भी प्रकार की नाराजगी होने की बात से भी इनकार किया है। हालांकि जनता इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही। अनिल विज ने कहा कि वह पार्टी का पहले से कहीं अधिक काम करेंगे। पार्टी का प्रचार करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झोली में 400 से अधिक सीटें डालने के लिए दिन-रात एक करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी परिस्थितियां कैसी भी रही मैं लगातार पार्टी के लिए काम करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।

प्रश्न : अब क्या भूमिका रहेगी?
उत्तर : राजनीति में कभी भी- कुछ भी संभव है, इसके लिए हर किसी को तैयार रहना चाहिए, यह बात अनिल विज ने कही। उन्होंने अपने को पार्टी का समर्पित वर्कर बताते हुए कहा कि मुझे पार्टी जो भी भूमिका देगी उस पर दिलो जान से काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी मन में कोई इच्छा नहीं पाली। अगर ऐसा होता तो हरियाणा विधानसभा का सबसे वरिष्ठ विधायक होने के नाते पहली बार हमारी सरकार बनने पर ही दावा कर सकता था, लेकिन मैंने कभी किसी नेता के सामने जाकर कोई इच्छा जाहिर नहीं की। क्योंकि मेरा मानना है डिजर्व डोंट डिजायर। इसलिए मैंने कभी किसी मंच पर- मीटिंग में या किसी नेता के सामने मुझे कुछ बनाने की इच्छा नहीं की। उन्होंने कहा कि हाईकमान का हर फैसला मेरे लिए मान्य है, मुझे केवल यही अफसोस है कि मुख्यमंत्री बदले जाने की बात तक का मुझे पता नहीं था।


प्रश्न : आपको नहीं लगता आपकी आदत और किसी मुद्दे पर स्टैंड लेने के कारण आपको मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। एक बार सीआईडी के रिपोर्ट नहीं करने की मसले पर भी अपने स्टैंड लिया था।
उत्तर : कोई कारण तो होगा। वही लोग जानते होंगे कि क्या कारण है। इस पर कोई एतराज नहीं है। मंत्रिमंडल में शामिल करवाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। लेकिन मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री ने जो सोचा होगा वही हुआ होगा।

प्रश्न : हरियाणा में मुख्यमंत्री और  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद एक ही व्यक्ति पर है। क्या किसी सीनियर नेता के प्रदेश अध्यक्ष नहीं होने से चुनाव प्रभावित हो सकते हैं।
उत्तर : लोकसभा के चुनाव  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर देश की सभी 543 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। यही कार्य करता भी इसे मानकर अपना काम कर रहे हैं। यही मानकर जनता भी वोट देगी और पूरे देश में भारतीय जनता पार्टी को फतेह हासिल होगी।हमें किसी के भी नकारात्मक बातें बताने की जरूरत नहीं है। हमारे पास बीजेपी की सकारात्मक बातें बताने के लिए है। मोदी सरकार ने अपने दो कार्यकाल में गरीबों के लिए स्वास्थ्य योजना, फ्री गैस सिलेंडर, हर घर जल से नल, आयुष्मान कार्ड, धारा 370 का खात्मा, राम मंदिर का निर्माण, ट्रिपल तलाक का खात्मा, पाकिस्तान में घुसकर जवाब देना, महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देना, चंद्रयान जैसी अनेक बातें जनता को बतानी है ।आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण दुनिया में भारत का सम्मान बड़ा है। वरना इससे पहले है हेय नजर से देखा जाता था।

प्रश्न : 6 बार चुनाव जीतने वाले विधायक है। लेकिन पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हो।
उत्तर : मैं पार्टी का अनन्य और छोटा सा भगत हूं। जब मेरे साथ प्रदेश स्तर की बातों पर चर्चा ही नहीं होती, तो मैं एक छोटा आदमी हूं। मैं अपनी औकात में आ गया हूं। मैंने अपने आप को अंबाला तक सीमित रखूंगा। अंबाला से छावनी से भाजपा प्रत्याशी की जीत दर्ज करवाएंगे। मैं अपनी हैसियत से ऊपर नहीं जाऊंगा।

प्रश्न : आपको लेकर कांग्रेस पार्टी भी ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साथ रही है। 
उत्तर : राजनीति में यह होता रहता है। हम भी उनकी बातें उठाते हैं ।हमने उनकी बात का जवाब दे दिया है।

प्रश्न : करनाल लोकसभा से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल चुनाव लड़ रहे हैं। क्या आप उनके पक्ष में प्रचार करने जाएंगे।
उत्तर : जब  मैं अपने आप को अंबाला छावनी तक सीमित करना चाहता हूं।  मैं यहीं का कार्यकर्ता हूं। इससे ज्यादा और कुछ नहीं सोचना।

प्रश्न : अगले विधानसभा चुनाव में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की क्या स्थिति होगी।
उत्तर : इसके लिए हमारा हाई कमान है। वे सोचेंगे हमारे पास थोड़ी जानकारी होती है। उनके पास जानकारी इकट्ठे करने का एक सिस्टम होता है और वह अच्छा करेंगे।

प्रश्न : भाजपा की चुनावी रणनीति क्या है?
उत्तर : 
भारतीय जनता पार्टी कभी भी चुनाव आने पर ही तैयारी नहीं करती, पूरा साल तैयारी करती रहती है। हमारे कार्यकर्ता कभी आराम नहीं करते। संगठन हमेशा कार्यकर्ताओं को कोई ना कोई काम देता रहता है। जिस प्रकार से पूरा साल पढ़ने वाले बच्चों को इम्तिहान के दिनों मे दिन रात पढ़ने की जरूरत नहीं होती, इसी प्रकार की ही हमारी पार्टी है। हमारे लिए चुनाव एक इवेंट है। हमारी तैयारियां पूरी है, कार्यकर्ता तैयार है, हमारे आत्मविश्वास का यही कारण है। उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 70 साल पहले अगर कांग्रेस स्वच्छता पर काम करती तो आज पूरा देश पूरी तरह से स्वच्छ होता, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद पर बैठते ही लाल किले से पहले भाषण में ही स्वच्छता मिशन की शुरुआत की। हर घर नल और नल से चल की बात कही, आयुष्मान कार्ड देकर गरीब को 5 लाख तक का मुफ्त इलाज दिया, गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली बहन बेटियों की आंखों को हो रहे चूल्हे के धुएं से नुकसान को देख उज्ज्वला योजना चलाई, कांग्रेस शासन काल में हमारे सैनिकों पर हमले होते थे और श्रद्धांजलि देकर केवल औपचारिकता पूरी करने का रिवाज था, मोदी राज में दुश्मनों के घर में घुसकर हमारे सैनिक सफलता हासिल करते हैं। पूरा विश्व नरेंद्र मोदी को अपना नेता मानता है, ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रपति हमारे प्रधानमंत्री के ऑटोग्राफ लेने में अपना सम्मान मानते है। 

प्रश्न : केजरीवाल व आप कह रही है भजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है?
उत्तर : केजरीवाल की गिरफ्तारी ,जिस पर आरोप है उसे सही जगह जाना भी चाहिए। अगर वह पाके-साफ थे तो उन्हें समय पर जाकर अपनी सफाई देने की जरूरत थी। वह व्यक्ति सत्ता में आने से पहले कुछ ओर बयान करता था, सत्ता हासिल करने के बाद कुछ ओर बन गया। उन्होंने कहा कि मैंने खुद उनके ट्वीट में पढ़ा था कि जांच में सहयोग करना चाहिए, लेकिन कथनी और करनी में उनकी जमीन आसमान का अंतर है। वह एक झूठे इंसान है। सत्ता में आने के बाद उनकी सच्चाई जनता के सामने आई है।

प्रश्न : इलेक्ट्रोल बॉन्ड को विपक्ष मुद्दा बना रहा है?
उत्तर : भारतीय जनता पार्टी को जितने इलेक्ट्रोल बांड मिले हैं, भाजपा के सांसदों और राज्य में सरकारों के अनुपात अनुसार अन्य पार्टियों को मिले इलेक्ट्रोल बांड की गिनती करनी चाहिए, एक पैमाना बनाए जाने की जरूरत है, क्योंकि गधे और घोड़े की तुलना नहीं की जा सकती, इस पैमाने के हिसाब से भारतीय जनता पार्टी को मिला चंदा दूसरे अन्य दलों से काफी कम है।

प्रश्न : भाजपा 400 पार का दावा कितना सार्थक?
उत्तर : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 400 से अधिक सीटें लेकर प्रचंड बहुमत में केंद्र सरकार बनने जा रही है। मोदी के नाम का इतना बड़ा तूफान है कि बड़े से बड़े नेता सामने आने पर धराशाही हो जाएंगे। मेरी 40 साल की राजनीति में आज तक इतना बड़ा तूफान मैंने कभी नहीं देखा। जिस प्रकार से आंधी में बड़े-बड़े पेड़ टूट कर गिर जाते हैं, इसी प्रकार से सभी दल धराशाही होंगे। उन्होंने कहा यह आंधी या तूफान नहीं बल्कि सुनामी है। क्योंकि हम बंद कमरे में राजनीति नहीं करते। लोगों में बैठकर जैसी बातें सुनने में आई है, 400 से अधिक सीटों वाली सरकार में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे।

प्रश्न : इनेलो नेता अभय चौटाला कह रहे हैं कि भजपा उधार के उम्मीदवारों को लोकसभा में उतार रही है?
उत्तर : इनेलो ने अपना पहला कैंडिडेट ही दूसरे दल से आए नेता को बनाया है। उन्होंने कहा कि आज लोगों को समझ में आ गया है कि बाकी सभी पार्टियों समाप्त हो चुकी हैं, जो पार्टी जीवित है, जिसके पास विजन है, जिसके पास नेता व नीति है और जिसकी नियति ठीक है, जिसमें भविष्य उज्जवल है, ऐसी अच्छी सोच के नेता अगर यह देखकर हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं तो फिर इसमें बुराई क्या है।

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