शाबाश तरक्की इसी को कहते हैं, “जब तक तराशा ना था दर-दर में ठोकरें खाने वाले पत्थर थे” : अनिल विज

Edited By Isha, Updated: 05 Feb, 2025 05:11 PM

well done this is called progress  anil vij

सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद पिछले 6 दिन से अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले प्रदेश के ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज के सूर भले ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया के साथ मुलाकात

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी: :  सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद पिछले 6 दिन से अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले प्रदेश के ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज के सूर भले ही पार्टी के प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया के साथ मुलाकात के बाद कुछ कम हुए है, लेकिन अब भी वह शेयरों शायरी के माध्यम से अपने मन की बात खुलकर कह रहे हैं। अनिल विज के एक शेयर का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में अनिल विज शेयर कह रहे हैं कि “हमारे ही तराशे हुए बूत...हमारे ही तराशे हुए बूत, आज बूत खाने में खुदा बन बैठे हैं, बूतों...शाबाश तरक्की इसी को कहते हैं, जब तक तराशा ना था, दर-दर में ठोकरें खाने वाले पत्थर थे, जब तक तराशा ना था दर-दर मे ठोकरे खाने वाले पत्थर थे, आज तराशा तो खुदा बन बैठे हैं”।

हरियाणा में अनिल विज सोशल मीडिया और मीडिया दोनों की नब्ज को अच्छे से पहचानते हैं। यहीं कारण है कि वह कहां सोशल मीडिया व किस स्थान पर मीडिया को क्या कहना है, बखूबी कहने में नहीं चूकते। सोशल मीडिया का आलम तो यह है कि अनिल विज ने अपनी कड़ी मेहनत से अपना एक खुद का वेबपोर्टल भी तैयार कर लिया है और उसे चला रहे हैं। अभी उसे अपडेट करने का कार्य भी चल रहा है। इस वेबपोर्टल को बनाने के लिए अनिल विज ने किसी भी आईटी इंजीनियर या तकनीकी विशेषज्ञ की मदद भी नहीं ली। 

अनिल विज 7 बार के विधायक हैं। राजनीति में जब से वह सक्रिय है, तब से मीडिया को जारी होने वाले उनके प्रेस नोट व वर्तमान में इलेक्ट्रानिक बाइट्स उन्होंने कभी भी किसी के सहारे नहीं दी। वह अपने मीडिया का संचालक भी खूब करते हैं, जिन दिनों केवल प्रेस जारी करने का क्रम चलता था, उन दिनों भी अनिल विज अपना प्रेस नोट खुद ही लिखकर डिलीवर किया करते थे। मीडिया व सोशल मीडिया के लिए अनिल विज वन मैन आर्मी के रूप में खुद ही सक्रिय हैं। 

केवल सोशल मीडिया या मीडिया ही नहीं, बल्कि अंबाला छावनी के बड़े प्रोजेक्ट को लेकर अनिल विज की भूमिका एक जनूनी व्यक्ति से कम नहीं है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता संग्राम को लेकर वॉर मेमोरियल, अंबाला का मां अंबे एयरपोर्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा करना चाहते हैं, जबकि अटल कैंसर सेंटर का कार्य पूरा कर जनता को समर्पित कर चुके हैं। इस सेंटर में अंबाला ही नहीं, बल्कि हरियाणा के दूसरे अन्य शहरों के लोग भी चिकित्सा सुविधा का लाभ ले रहे हैं। 

अनिल विज राजनीति में वह किरदार हैं, जिन्होंने भाजपा का झंडा व डंडा सब उठाया, जब भाजपा के मात्र एक या दो विधायक हुआ करते थे और अनिल विज हरियाणा विधानसभा के सदन में अपनी हर बात को कहने का दम उस समय भी रखते थे और आज भी रखते हैं। हाल ही में उनके दिए यह बयान कि मुख्यमंत्री चाहे तो मेरा मंत्रीपद छीन सकते हैं, लेकिन मेरी सीनियोरिटी और विधायकी नहीं छीन सकते। अंबाला की जनता की सेवा के लिए यदि उन्हें आमरण अनशन करना पड़ेगा तो वह उससे भी पीछे नहीं रहेंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!